क्या हो रहा है पेटीएम हमेशा के लिए बंद? क्या अब डिजिटल पेमेंट में से पेटीएम का नाम हमेशा के लिए मिट जाएगा ? क्या कार्यवाही की है RBI ने पेटीएम के खिलाफ ? आखिर क्या वजह है जिससे आज Paytm the end की चर्चा हर जगह हो रही है ? चलिए जानते है पेटीएम की कहानी।
Paytm एक ऐसा नाम जिससे आज शायद ही कोई वाक़िफ़ न हो, भारत से लेकर विदेशों तक में आज पेटीएम की अच्छी खासी पॉपुलैरिटी है और भारत में तो इसकी पॉपुलैरिटी की अलग ही बात है और भई वैसे भी आज का ज़माना तो स्मार्टफोन का है तो उसमे आपको कोई एप्लिकेशन मिले या न मिले लेकिन पेटीएम जरूर मिल जाता है क्योकि ये है ही इतना काम का, हालांकि ये उचाइयां पेटीएम को यूँही नहीं मिली बोले तो काफी पापड़ बेलने के बाद ये सफलता हासिल हुई है और जनाब नोटबंदी के बाद पेटीएम का जो रुख बदला है न वो तो कमाल ही था जिससे आज हर किसी को इस एप्लिकेशन की आदत हो चुकी है लेकिन अचानक से आपको पता चले की पेटीएम बंद होने वाला है तो आपका क्या रिएक्शन होगा ?
सिंपल सी बात है आप शॉक्ड हो जायेंगे “आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? बता दें बिलकुल इसी तरह आज बहुत से लोग शॉक्ड है जी हाँ क्योकि अचानक ही पेटीएम the end की खबर खूब सुर्ख़ियों में है पर ऐसा क्यों और कैसे ये सब जानेंगे पर क्योकि किसी भी चीज को अच्छे से जानने के लिए उसके इतिहास को जानना जरुरी होता है उसी तरह हमारा Paytm के इतिहास को जानना भी जरुरी होगा और क्योकि हम इसके इतिहास के बारे में जानेंगे तो यहाँ उस हीरो का जिक्र होना तो बनता है जिसने इस कंपनी को बिल्ट किया सो इस कहानी के हीरो Vijay Shekhar Sharma है।
कहानी की शुरुआत होती है 7 June साल 1978 से, जब उत्तरप्रदेश के Aligarh में रहने वाली एक मिडिल क्लास फॅमिली में एक होनहार बच्चे का जन्म हुआ , अब भले ही फॅमिली अमीर नहीं थी लेकिन इस बच्चे में कुछ कर गुजरने का जोश शुरू से ही था। विजय शेखर जी की फॅमिली की बात करे तो इनके फादर का नाम Sulom Prakash Sharma था जो कि एक स्कूल में as a टीचर काम करते थे वहीं इनकी mother का नाम आशा शर्मा है जो कि एक हाउस वाइफ है।
पढाई लिखाई की बात करे तो विजय शेखर अलीगढ के एक हिंदी मीडियम स्कूल से पढ़े है और इसी हिंदी मीडियम ने आगे चलकर उनकी लाइफ बदल डाली वो कैसे आगे बताएंगे। खेर भले ही शेखर हिंदी मीडियम से थे लेकिन उनका दिमाग उनकी उम्र से ज्यादा ही चलता था ,उन्होंने 14 साल की उम्र में ही 12th क्लास क्लियर कर ली थी और इसी वजह से फॅमिली और टीचर्स सभी उनसे खुश रहते थे। आगे पढ़ने की इच्छा से विजय ने दिल्ली का सफर तय किया जहाँ उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया लेकिन शायद विजय खुद नहीं जानते थे कि यहाँ आकर उनकी पूरी लाइफ ही बदल जाएगी और एक फ्रंट बेंच पर बैठने वाला स्टूडेंट कब बैक बेंचर बन गया पता ही नहीं चला।
असल में इंजीनियरिंग कॉलेज में विजय साहब को इंग्लिश की पढ़ाई का सामना करना पढ़ा और वो हिंदी माध्यम से थे तो हल्का फुल्का झटका लगना तो बनता है। एक बार ऐसे ही जब प्रोफ़ेसर ने विजय से सवाल पूछा तो जनाब की बोलती बंद क्योकि उन्हें सवाल ही समझ नहीं आया था। उस दिन विजय को बड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई जिसके बाद विजय बैकबेंचर बन गए, आपने सुना होगा कभी कभी आपकी कमजोरी भी आपको फ़ायदा पहुँचाती है और विजय की कमजोरी ने ही उन्हें इस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया।
विजय उस दिन के बाद से अपनी क्लास मिस करने लगे और ज्यादातर समय लाइब्रेरी में बिताने लगे जहाँ वो इंग्लिश की मेगज़ीन्स और बहुत सी सक्सेस स्टोरी पढ़ा करते थे। जिससे विजय की इंग्लिश में तो सुधार आया ही साथ ही उनका नजरिया भी बदल गया, साथ ही इस दौरान विजय कम्प्यूटर सेंटर भी जाने लगे। एक दिन ऐसे ही छुट्टी वाले दिन विजय दिल्ली के बाजारों में घूम रहे थे इस दौरान उन्होंने किसी पुरानी मैगज़ीन में एक बिज़नेसमैन की सक्सेस स्टोरी पढ़ी जो एक अमेरिका के शख्स की थी कि कैसे उसने गैराज से एक कंपनी शुरू की और कामयाब हुआ, जिसके बाद विजय ने भी बिज़नेस करने की ठान ली।
सबसे पहले उन्होंने 1997 में indiasite.net नाम की एक वेबसाइट बनाई जिसे उन्होंने बाद में बेच दिया था और इसके बाद उन्होंने 2000 में One97 Communication LTD की स्थापना की, बता दे यही Paytm की पैरेंट कंपनी है। शुरुआत में इसपर जोक्स , रिंगटोन, एग्जाम, रिजल्ट और क्रिकेट मैच का स्कोर दिखाया जाता था। वैल आइये आगे बढ़ते है।
अब धीरे धीरे विजय की कंपनी चल पड़ी थी और फिर साल 2010 आया जब स्मार्टफोन्स और इंटरनेट का दौर शुरू हुआ और इस मौके का फ़ायदा उठाते हुए विजय ने एक बेहतरीन प्लान बनाया और साउथ दिल्ली के एक किराए के कमरे से Paytm की शुरुआत की , जिसमे विजय ने लगभग 2 मिलियन डॉलर्स की इन्वेस्टमेंट की, जहाँ शुरुआत में ये प्रीपेड मोबाइल और DTH रिचार्ज प्लेटफार्म हुआ करता था, बाद में data card, postpaid और landlines bills के लिए भी एक्सटेंड कर दिया गया।
आगे चलकर Paytm वॉलेट को लॉन्च किया गया जिसके बाद से भारत में डिजिटल पेमेंट का एक EASY METHOD आ गया, इस तरह Paytm ने अपनी Paytm पेमेंट बैंक की भी शुरुआत की जिसके बाद तो जनाब विजय की कंपनी ऊंचाइयां छूने लगी। उनका आईडिया काम कर गया और Paytm की पॉपुलैरिटी दिन बा दिन बढ़ती चली गई, जिसके चलते चाइना की Alibaba ग्रुप , वॉरेन बफेट की कंपनी Berkshire Hathaway और रतन टाटा जी ने भी इसमें इन्वेस्ट कर दिया।
इस तरह Paytm खूब उड़ान भरने लगी और तरक्की में चार चाँद लगाने के लिए साल 2016 ने भी काफी अच्छा योगदान दिया , जब नवंबर 2016 में देश के PM मोदी जी ने नोटबंदी का ऐलान किया था , इस दौरान तो भाईसाहब एटीएम के बाहर पैसे निकालने वालों की लम्बी कतारें लगने लगीं और इस वक़्त डिजिटल पेमेंट की दुनिया में Paytm बादशाह बनकर उतरा, लोगों को लगने लगा कि लम्बी लाइनों में लगने से बेहतर है डिजिटल पेमेंट किया जाए और यही वजह थी कि करीब एक महीने के अंदर ही Paytm यूज़र्स 14 करोड़ से बढ़कर लगभग 27 करोड़ पहुंच गए थे।
आगे चलकर पेटीएम का यूजर बेस और भी ज्यादा मजबूत होता गया। साल 2017 में Paytm पेमेंट बैंक को RBI यानी रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया से भी अप्रूवल मिल गया, हालांकि 2018 में Paytm यूज़र्स को थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दरअसल इस दौरान KYC issue की वजह से Paytm बैंक के अकाउंट ओपनिंग पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन बाद में वो भी ठीक हो गया और इस तरह से पेटीएम ऑल-इन-वन पेमेंट गेटवे भारत का सबसे अच्छा पेमेंट गेटवे मन जाने लगा। बतादे ये बिज़नेसमैन को इंटरनेशनल पेमेंट एक्सेप्ट करने में मदद करता है और इंटरनेशनल कार्ड के जरिये ये 200 से ज्यादा देशों से लेन देन करने में सपोर्ट करता है।
पेटीएम इस तरह आगे तो बढ़ रहा था लेकिन बीच बीच में RBI और पेटीएम पेमेंट बैंक के बीच गड़बड़ियां होना शुरू हो गई लेकिन कई दिक्कतों के बावजूद पेटीएम ग्रोथ करता गया लेकिन फिर यहाँ तक आते आते डिजिटल पैमेंट की दुनिया में पेटीएम के कई competitor आने लगे जैसे गूगल पे, फ़ोन पे इस तरह के कई प्लेटफॉर्म्स, पर पेटीएम जो कि पुराना खिलाडी था वो ऐसे तो फेल नहीं होने वाला था लेकिन कुछ गलतियों ने उसके अच्छे खासे बिज़नेस को हिला कर रखा दिया, जब NPCI ने UPI को लॉन्च कर दिया जिससे बैंक to बैंक पेमेंट भेजना आसान हो गया। यहाँ पेटीएम को असर पड़ना शुरू होने लगा, पेटीएम ने UPI को जल्दी एक्सेप्ट नहीं किया बस इसी गलती के चलते उसके ज्यादातर यूज़र्स गूगल पे और फ़ोन पे पर चले गए और जब पेटीएम को अपनी गलती का एहसास हुआ तब तक काफी देर हो चुकी थी , पेटीएम का यूज़र बेस कम होने लगा और मार्किट शेयर भी घटने लगा।
अब पेटीएम की घटती हुई पॉपुलैरिटी का यही रीज़न नहीं था इसके और भी रीज़न थे, जैसे प्राइवेट कंपनी और पब्लिक कंपनी की फंडिंग का प्रोसेस अलग अलग चलता है, जहाँ प्राइवेट कंपनी फंडिंग आसानी से हासिल कर लेती है और वेल्युएशन भी बढ़ा लेती है वहीं इन्हें पब्लिकली अपनी वैलुएशन को जस्टिफाई करना होता है, जिसमे कंपनी के पास एक प्रॉपर बिज़नेस मॉडल होना चाहिए लेकिन यहाँ पेटीएम के पास ना तो अच्छा बिज़नेस मॉडल था न ही प्रॉफ़िट्स, पेटीएम हर एक फाइनेंशियल फ़ील्स में घुस चुकी है जहाँ उन्हें प्रॉपर एक्सपर्टीज भी नहीं है, पेटीएम ने अपने प्लेटफॉर्म्स को ऑल इन वन बना दिया जिससे पेटीएम का इंटरफ़ेस इतना कन्फ्यूजिंग हो चुका है कि यूज़र्स इसके प्लेटफॉर्म पर आना पसंद ही नहीं करते।
पेटीएम कई सारे बिज़नेस में तो घुस चुका है लेकिन इसके सिर्फ दो ही बिज़नेस काफी सक्सेसफुल हुए है जिसमे एक पेटीएम पेमेंट बैंक और दूसरा FASTag और अगर आज के समय की बात करे तो पेटीएम को लगभग 300 मिलियन यूजर यूज़ कर रहे है और इसका रेवेन्यू करीब 2,850 करोड़ है।
अब यहाँ सवाल आता है कि जब सब सही चल रहा है तो पेटीएम the end वाली बात क्यों हो रही है, तो इसका जवाब है RBI के रूल्स और रेगुलेशन को कुछ वेल्यू न देना, असल में पेटीएम ने अपनी पेटीएम बैंक के जरिए लगातार रूल्स एंड रेगुलेशन को नहीं माना है, जिसके चलते उन्हें अक्सर प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ा है और इसी वजह से अब RBI ने पेटीएम बैंक पर कार्यवाही की है। जिसमे आप 29 फ़रवरी के बाद अपने पेटीएम बैंक के अकाउंट से फास्टैग, मेट्रो कार्ड या किसी दूसरी चीज का पेमेंट नहीं कर पाएंगे साथ ही 29 फ़रवरी के बाद आप पेटीएम के अकाउंट में पेमेंट एक्सेप्ट भी नहीं कर पाएंगे।
अब यहाँ कई लोग सोच रहे होंगे कि क्या पेटीएम ही वर्क करना बंद कर देगा तो यहाँ आपको बता दे RBI ने केवल पेटीएम बैंक पर ही कार्यवाही की है और अगर पेटीएम बैंक में आपके पैसे रह भी जाते है तो आप उन्हें कभी भी निकाल सकते है और इसका पेटीएम UPI पर कोई असर नहीं होगा। अगर आपने अपने पेटीएम UPI को बैंक से मर्ज किया हुआ है तो आप इससे पेमेंट कर सकते है, वहीँ पेटीएम के CEO विजय शेखर शर्मा ने भी साफ़ कहा है कि पेटीएम 29 फ़रवरी के बाद बाकी कि सभी सर्विस को पहले कि तरह देता रहेगा।