अगर हम आपसे कहे भारत का एक स्टेट, वर्ल्ड टूरिस्ट कैपिटल बन सकता है तो कैसा रहेगा? अरे नहीं हम मजाक नहीं कर रहे है। वैसे अक्सर जब भी कहीं बाहर घूमने जाने का प्लान बन रहा होता है तो सबसे पहले लोगो के मन में एक सवाल आता है भई आखिर जाना कहाँ है , वैसे घूमने के लिए फॅमिली ट्रिप की बात चल रही हो या फिर अपने पार्टनर के साथ हनीमून की , हर केस में अक्सर लोगो के मन में केवल एक ही ख्याल आता है की यार जगह एक दम मस्त होनी चाहिए और आज के ज़माने में तो लोग अपनी फॅमिली के साथ घूमने कम सेल्फी और रील्स वगेराह में ज्यादा ध्यान देते है , खैर इसे तो आज कल का दौर ही समझ लीजिये। अब भले ही अच्छे खासे पैसे खर्च करके किसी बेहतरीन जगह जाओ तब भी ये अक्सर आपने फील किया होगा की जो प्राकृतिक सुंदरता के नज़ारे होते है न भाईसाहब उसकी तुलना बड़ी बड़ी बिल्डिंग्स या फिर शानदार दिखने वाले टॉवर से नहीं कर सकते।
अब जब बात हो रही है प्राकृतिक सुंदरता की तो यार ऐसे में धरती के स्वर्ग कहे जाने वाले स्विट्ज़रलैंड को हम कैसे भूल सकते है , आज के समय में स्विट्ज़रलैंड जैसी खूबसूरत जगह पर घूमने का किसका सपना नहीं होता क्योकि ये देश दुनिया के उन सभी खूबसूरत देशो में से एक है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता से टूरिस्ट को अपनी ओर अट्रैक्ट करता है, पहाड़ियों से भरा ये खूबसूरत देश वाक़ई में जन्नत की सी फील देता है , दुनिया भर से लोग इसकी सुंदरता को निखारने आते है और यहाँ आकर तो भई ऐसा लगता है की बस यहाँ ही रुक जाओ कुल मिला कर ये जगह घूमने के लिए सबसे पॉपुलर है लेकिन यार कभी आपने ऐसा सोचा है कि लाखो के पैसे खर्च कर लोग स्विट्ज़रलैंड जैसी जगह पर घूमने इतनी दूर जाते है वहीँ उन्हें स्विट्ज़रलैंड जैसा फील कम दामों में और ज्यादा दूर न जाकर मिल जाये तो कैसा रहेगा और तो और हम ये कहें की वो मज़े आपको भारत में ही मिल जाएंगे तो कैसा रहेगा?
ये शायद आपको मज़ाक लग रहा होगा लेकिन हम आपको बतादे यहाँ हम भारत के उस राज्य की बात कर रहे है जो अपनी खूबसूरती, टूरिस्ट प्लेसेस और बेहतरीन जगहों के लिए आज भी भारत में मशहूर है , वहां की निर्मल झीलें, ऊँचे पहाड़ , ऊँची ऊँची घाटियां और प्राकृतिक सुंदरता के तो यार क्या ही कहने , वहां की सुंदरता लोगो को एक अलग ही अपनापन और सुकून देती है अगर आप अभी भी कन्फ्युस है तो बतादे हम बात कर रहे है हिमचाल प्रदेश की जो भारत का बेहद ही पॉपुलर स्टेट है और अगर हम ये कहे की यहाँ की सुंदरता के आगे तो स्विट्ज़रलैंड की सुंदरता भी फीकी पड़ सकती है तो ये झूट नहीं होगा।
अब यार आप ये सोच रहे होंगे की स्विट्ज़रलैंड देश जो world renowned travel destination के साथ साथ कई इंटरनेशनल इंस्टीटूशन्स जैसे WHO , इंटरनेशनल Labour Organisation , वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइज़ेशन और भी कई सारे इंस्टीट्यूशंस ऑर्गेनाइजेशन के हेडक्वार्टर्स की वजह से पूरी दुनिया में अपनी अलग ही जगह रखता है उसका कम्पेरिज़न हम हिमाचल प्रदेश से कैसे कर सकते है तो आइये जानते है कैसे हिमाचल प्रदेश भारत का अगला वर्ल्ड टूरिस्ट कैपिटल बन सकता है।
सबसे पहले हम इन दोनों प्लेसेस के बारे में जान लेते है , 41 हज़ार 248 स्क्वायर KM में बने स्विट्ज़रलैंड जिसे आज दुनिया भर में सबसे खूबसूरत देश माना जाता है आपको बतादे शुरू से ही ऐसा कुछ नहीं था , 19th सेंचुरी के समय में न तो स्विट्ज़रलैंड इतना डेवलप था और न ही वहां की टूरिज्म इंडस्ट्री कुछ ख़ास अट्रैक्टिव थी, रिपोर्ट्स के अकॉर्डिंग देखा जाये तो स्विट्ज़रलैंड की इकनोमिक , इंफ्रास्ट्रक्चर और टूरिज्म इंडस्ट्री के डेवलोपमेन्ट लगभग 20th सेंचुरी की शुरुआत से पहले शुरू हुई थी और आज अपनी प्लांड urbanisation और sustainable industrialiation की वजह से ही स्विट्ज़रलैंड दुनिया की सबसे डेवलप कंट्री में से एक है। आज स्विट्ज़रलैंड की लगभग 87 लाख populatiom है जिनमे से लगभग 74 परसेंट पापुलेशन अर्बन एरिया में रहती है।
स्विट्ज़रलैंड का टूरिज्म सेक्टर आज देश की इकनोमिक में योगदान देने के साथ साथ एम्प्लॉयमेंट और फॉरेन करेंसी कमाने के मामले में भी स्विट्ज़रलैंड क एक इम्पॉर्टन्ट हिस्सा है , जिनमे से स्पेशल प्लेस की बात करे तो The Matterhorn, Chapel Bridge, Zurich और इस जैसी कई बेहतरीन प्लेसेस शामिल है जहाँ दुनिया भर से लोग यहाँ के बेहतरीन नज़ारे को एन्जॉय करने आते है।
खैर ये तो बात हो गई स्विट्ज़रलैंड की अब हम बात करे भारत के हिमाचल प्रदेश की तो , अगर गौर फ़रमाया जाये तो आज हिमाचल प्रदेश उस जगह पर नजर आता है जहां किसी समय पर स्विट्ज़रलैंड हुआ करता था ,बात की जाये हिमाचल प्रदेश के टोटल एरिया की तो ये 55 हज़ार 658 स्क्वायर किलोमीटर के एरिया में फैला हुआ है जो देखा जाये तो स्विट्ज़रलैंड के एरिया से भी बड़ा है , वेल ये तो कुछ नहीं स्विट्ज़रलैंड की तरह यहाँ के नज़ारे भी किसी सुन्दर टूरिस्ट प्लेस से कम नहीं है , हिमाचल प्रदेश में भी स्विट्ज़रलैंड की तरह Hill Valley कॉम्बिनेशन देखने को मिल जाते है , इसके अलावा माउंटेन ट्रैकिंग , वाटर स्पोर्ट्स , ग्लेशियर टूरिज्म और प्राकृतिक सुंदरता के साथ कई बेहतरीन टेम्पल्स भी यहाँ मौजूद है जो हिन्दू और बुद्धिज़्म से जुड़े हुए है।
बात करे हिमाचल प्रदेश की पापुलेशन की तो वो लगभग 77 लाख है , जिनमे से लगभग 89 परसेंट पापुलेशन रूरल एरिया में रहे रही है, यानी इस हिसाब से तो आप देख सकते ही हिमाचल की पापुलेशन भी स्विट्ज़रलैंड से कम ही है। अब ये तो आप जानते ही है कि जिस जगह कि नेटिव पापुलेशन जितनी ज्यादा होगी उतना ही मुश्किल उसे डेवलप कर पाना होता है यानी कुल मिलाकर भारत का हिमाचल प्रदेश डेवलप होने के लिए एक बेस्ट प्लेस है।
ऐसा नहीं है की अभी हिमाचल प्रदेश की डेवलोपमेन्ट के लिए कुछ नहीं हो रहा भारत के इस राज्य के लिए लगातार डेवलोपमेन्ट के काम किये का रहे है जिसमे एयर , रोड और ट्रेंस जैसी कई फैसिलिटी तेजी से बढ़ रही है , यही नहीं ह्यूमन डेवलोपमेन्ट के हिसाब से देखा जाये तो हिमाचल प्रदेश भारत का कई राज्यों से आगे खड़ा हुआ है।
अब इन सभी चीजों के बारे में जानने के बाद अगर स्विट्ज़रलैंड की तरह हिमाचल प्रदेश को भी डेवलप किया जाता है तो हिमाचल प्रदेश की ये प्रोग्रेस न केवल भारत को बल्कि पूरी दुनिया को ही एक प्राइम टूरिस्ट डेस्टिनेशन प्रोवाइड कर सकते है , बात की जाये भारत की तो हिमाचल प्रदेश तो आज के समय में भी भारत के लिए प्राइम टूरिस्ट प्लेस बना हुआ है।
अब इन बातों को जानने के बाद आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा की भाई हिमाचल प्रदेश स्विट्ज़रलैंड की तुलना में और भी बेहतर बन सकता है तो दिक्कत कहाँ आ रही है तो आइये थोड़ा उन बातों पर भी चर्चा कर लेते है।
सबसे पहले बात करते है turism की , तो जैसे की अक्सर लोग जब भी हिल स्टेशन जैसी खुली वादियों में घूमने जाने का प्लान बनाते है तो हमारी इमेजिनेशन में हम वहां की ताज़ा हवा और ताजगी से भरा एनवायरमेंट फील करते है लेकिन ट्यूटिज्म के लिए सबसे बड़ी रोक का काम हिमचाल प्रदेश का एनवायरमेंट कर रहा है क्योकि जैसे जैसे वहां ट्यूटिज्म बढ़ रहा है वैसे वैसे वहां का एनवायरमेंट बिगड़ रहा है जिसक रीज़न कहीं न कहीं इरेस्पोंसिबल टूरिस्ट है।
जी हाँ ये बात सच है काफी समय से ये सच सामने आरहा है कि हिमाचल प्रदेश में आने वाले टूरिस्ट वहां के एनवायरमेंट को पोल्युटेड कर रहे है, इसका जीता जागता उद्धारण वाहनों से पॉल्यूशन , रोड के साइड से लेकर ट्रैक रूट तक जगह जगह प्लास्टिक वेस्ट के ढेर दिखाई देते है जो एनवायरमेंट को पोल्युटेड करने में कोई कसर नहीं छोड़ता। हालांकि इसके लिए सरकार की तरफ से भी कई कदम उठाये गए है लेकिन उसे भी कुछ ज्यादा फ़ायदा नजर नहीं आरहा तो इसके लिए जरूरत ही की हिमाचल प्रदेश में आने वाले टूरिस्ट के लिए कुछ रूल्स रेगुलेशंस बिल्ड किये जाये।
इसके अलावा दूसरी कमी है unsustainable development , ये हिमाचल प्रदेश के टूरिसम डेवलोपमेन्ट और बाकि डेवलोपमेन्ट के लिए सबसे बड़ा रोड़ा है ,, वैसे तो काफी समय से इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए लगातार काम किये जा रहे है रोड्स, टनल्स को डेवलप करने के साथ ट्यूटिज्म के लिए इम्पोर्टेन्ट फैसिलिटी बिल्ट करने के लिए सरकार और प्राइवेट कंपनीज द्वारा भी इन्वेस्टमेंट की गई है लेकिन यहां के एन्वायरमेंटल डिपार्टमेंट का कहना है की हिमाचल प्रदेश में हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलोपमेन्ट सस्टेनेबल नहीं है क्योकि हिल्स का बिना साइंटिफिक इनफार्मेशन लिए लगातार रोड्स और हाईवे बनाने का काम हो रहा है इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के रिवर्स के आस पास कंस्ट्रक्शन का काम होना हिमाचल प्रदेश के लिए सही नहीं है इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश के हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर प्लांट के लिए भी कई सवाल उठ रहे है।
हिमाचल प्रदेश में हो रहे मास स्केल Deforestation का मामला भी किसी से छुपा नहीं है , जिसके बारे में काफी समय से एन्वायरमेंटल भी लगातार वार्निंग देते रहे थे लेकिन कुछ समय पहले हिमचाल में आये फ़्लैश फ्लड ने उनकी वॉर्निंग को सच कर दिया जिसने कुछ ही समय में हिमाचल को काफी नुक्सान पहुंचाया , ऐसे में यहाँ के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलोपमेन्ट को सस्टेनेबल लाइंस पर ही डेवलप करना जरुरी है। इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर के द्वारा हॉटस्पॉट प्लेस पर किये जाने वाले प्रोजेक्ट भी इसके बड़े जिम्मेदार है जहाँ टूरिस्ट के लिए अच्छी जगह देना एन्जॉय के लिए गेम्स बनाने के लिए हिमाचल को बर्बाद किया जा रहा है।