वैलेंटाइन्स डे ” प्यार का दिन, क्या ये दिन भारत का त्यौहार है? क्यों इस दिन को दुनिया के ज्यादातर सभी हिस्सों में मनाया जाता है? क्या है कहानी वैलेंटाइन की? क्या ये केवल एक शब्द है या किसी शख्स की पहचान? आखिर क्यों इसे प्यार का दिन माना जाता है ? चलिए जानते है इस दिन की पूरी कहानी।
प्यार का मौसम चल रहा है, कुछ आशिकों की तो ख़ुशी के ठिकाने नहीं होंगे वहीँ कुछ दिल जले आशिक तो अपनी प्रेमिका की याद में टेसुए बहा रहे होंगे , अब भई वेलेंटाइंस डे जो प्यार का , रोमांस का , मोहब्बत का प्रतिक है वो दिन जो आ पंहुचा है, भारत के बच्चे बच्चे को आज इस दिन के बारे में पता है वो कहते है न निब्बा निब्बी हाँ वही इस दिन अपने जीवन के हर पल में एक दूसरे का साथ निभाने की कसमें खाते है लेकिन हुजूर उन्हें ये भी नहीं पता होता कि पिताजी के एक झापड़ से उनका सारा प्यार और कसमें – वादे सभी धरे के धरे रह जायेंगे
वैल इस बात से तो हर कोई वाक़िफ़ है कि आज के समय युवाओं को वेलेंटाइन्स डे का बड़ा खुमार छाया होता है, दुनिया भर की युवा पीढ़ी पूरे साल 7 से 14 तारीख तक आने वाले इन दिनों का बेसब्री से इन्तजार करती है , जबकि कुछ लोगों को तो इस दिन के पीछे की असली कहानी के बारे में पता भी नहीं होता लेकिन फिर भी लगे पड़े है भइया प्रेमिका की तलाश में।
वहीँ स्कूल, कॉलेजेस और मार्केट्स रेस्टोरेंट में तो इन दिनों में माहौल ही अलग हो जाता है। वेलेंटाइंस शब्द का मीनिंग भले ही ना पता हो फिर भी इन दिनों हर जवान की जुबान पर एक ही लाइन होती है “would you be my valentine” वहीँ जब एक दूसरे के साथ रह रह कर ऊब जाते है तो क्या होता है ब्रेकअप यानी रिश्ता टूट गया।
खेर ब्रेकअप हमारा टॉपिक नहीं है यहाँ हम वेलेंटाइंस डे का पूरा काला चिट्टा खोलने वाले है , भारत में मुर्ख लोगों की कमी नहीं है जिन्होंने वेलेंटाइंस डे को एक परंपरा का रूप देकर इसे सेलिब्रेट करना मानों अपना परम कर्तव्य मान लिया है जबकि भारत से तो इस दिन का , इस शब्द वेलेंटाइंस डे का कोई नाता ही नहीं है बल्कि ये तो यूरोप से जुड़ा है, वहीँ इस दिन को जहाँ रोमांटिक माना जाता है
इसकी असली कहानी बिलकुल भी रोमांटिक नहीं है बल्कि ये दिन तो एक प्रीस्ट यानी पादरी की कुर्बानी पर बेस्ड है , अब जैसे कि किसी भी कहानी के बारे में जानने के लिए उसके इतिहास को जानना जरुरी होता है उसी तरह वेलेंटाइंस के बारे में जानने के लिए भी हमे इतिहास पर नजरें घुमानी होगी , तो चलिए जानते है पूरी कहानी लेकिन उससे पहले वीडियो को अभी तक लाइक नहीं किया है तो जल्दी से लाइक कर दीजिए और चैनल को सब्सक्राइब करना न भूले।
पहले के समय में यूरोप में लोग बिना शादी के ही वो सब कुछ कर सकते थे जो समाज शादी के बाद करने की इजाजत देता है , इस तरह का बेहूदा कल्चर बन गया था यूरोप का जहाँ लोग किसी के भी साथ चले जाते थे और अपनी मर्जी से छोड़ भी देते थे और ये बात वेलेंटाइंस नाम के महा पुरुष को बिलकुल भी रास नहीं आई और उन्होंने इसकी खिलाफत करना शुरू कर दी , ये कहानी है आज से करीब 1300 साल पुरानी है जब इटली के संत वेलेंटाइन हुआ करते थे , उनका कहना था कि इस तरह से संबंध रखना सही नहीं है शादियां करों और शादी के बाद ही शारीरिक संबंध शुरू करो ।
वो चर्च के पादरी थे इसलिए चर्च में आने वाले सभी लोगों और हर नौजवानों के लिए उनकी यही सीख रहती थी, कहा जाता है इस दौरान कई लोगों ने उनसे सवाल किये कि आप इस तरह की परम्पराओं को कबसे मानने लगे तब वैलेंटाइन का कहना था की आजकल में ईस्टर्न फिलोसोफी पर स्टडी कर रहा हूँ और उसके हिसाब से ये सब गलत है, यहाँ बहुत से लोगों को उस समय के ईस्ट के बारे में नहीं पता होगा, कहा जाता है उस दौरान पूरा ईस्ट भारत ही कहलाता था और यहाँ Saint Valentine कहते है कि मुझे लगता है ईस्टर्न फिलोसोफी परफेक्ट है और मैं चाहता हूँ आप सब भी इसे मानो , अब यहाँ बहुत से लोग तो इन बातों को इग्नोर कर देते थे वहीँ जो लोग इसे एक्सेप्ट करते थे उन्हें वेलेंटाइन शादी के पवित्र बंधन में बांध देते थे , उनकी चर्च में शादियां करा देते थे और इस तरह से वेलेंटाइंस ने सैकड़ों शादियां कराइ।
अब यहां वेलेंटाइंस ने तो समाज को नई दिशा दिखाने के लिए ही ये कदम उठाया और लोगों को incourage किया की यूरोप की बुरी प्रथाओं को छोड़कर सही दिशा में चलना सीखो लेकिन यहाँ बहुत से लोग ऐसे भी थे जिन्हे वेलेंटाइंस की ये बात बिलकुल पसंद नहीं आई और उन्होंने इस बात का विरोध करना शुरू कर दिया, अच्छा अब उस दौरान रोम के एक बड़े राजा हुआ करते थे जिनका नाम क्लॉडियस (Claudius II) था , भई बड़े राजा थे तो पुरे साम्राज्य में उनके नाम का सिक्का चलता था
अब इन्होने वैलेंटाइन्स को बच्चों की शादी करवाते हुए देखा तो उसने कहा ये शख्स तो हमारे यूरोप की परंपराओं को बिगाड़ रहा है, हमारा यूरोप जो मौज मस्ती के लिए जाना जाता है , यहाँ बिना शादी के लोग फुल एन्जॉयमेन्ट करते है वहां ये संत शादियां करवा रहा है, गुस्से में आकर क्लॉडियस ने वैलेंटाइन को पकड़ने का ऑर्डर दिया।
अब यहाँ जब वैलेंटाइन क्लॉडियस के पास पहुंचे तब क्लॉडियस ने अपने भाषण शुरू कर दिए कि भई तुम तो हमारे समाज में अधर्म फैला रहे हो , लोगों की शादियां करा रहे हो ये सब तुम्हे बंद करना होगा। यहाँ वैलेंटाइन अपने फैसलों पर अटल रहे और उन्होंने कहा की मुझे यही ठीक लगता है जिसके बाद क्लॉडियस का पारा चढ़ गया और उसने वैलेंटाइन को फांसी की सजा सुना दी , ये समय था करीब सन 498 का जब 14 फ़रवरी के दिन वैलेंटाइन को बच्चों की शादियां करने के आरोप में फांसी पर चढ़ा दिया गया।
यहाँ से शुरू हुआ वैलेंटाइन्स डे का ये सिलसिला , वहां के जितने भी जवान थे जिनकी वैलेंटाइन ने शादियां कराइ थी उन्होंने वैलेंटाइन की याद में वैलेंटाइन्स डे मानना शुरू कर दिया, वैल यही नहीं इस दिन के लिए कई लोगों की अलग अलग मान्यताएं है, जिनमे से एक और कहानी बेहद पॉपुलर है, बताया जाता है वैलेंटाइन के दौर में दुनिया का ज्यादातर हिस्सा रोमल सल्तनत के अंडर में आता था, उस दौर में रोमन सल्तनत को दुनिया में सुपर पॉवर कहा जाता था जहां के हुक्मरान का नाम क्लॉडियस था, कहा जाता है एक बार क्लॉडियस ने अपनी आर्मी को ताकतवर और बड़ी बनाने के लिए एक मुहीम चालू की और लोगों से अपील की कि उनकी फ़ौज में शामिल हों।
पर यहाँ कुछ ऐसा हुआ जो क्लॉडियस राजा को बर्दाश्त नहीं हुआ , उनकी आर्मी में शामिल होने के लिए बहुत कम लोग आए, ये सब देख क्लॉडियस ने गुस्से में अपने लोगों को भेजकर पता लगाने को कहा कि आखिर हमारी फ़ौज में भर्ती होने के लिए लोग क्यों नहीं आ रहे है, यहाँ क्लॉडियस को बताया गया कि रोमल सल्तनत के ज्यादातर फौजी शादी कर चुके है और जिन्होंने शादिया कर ली थी वो अब फ़ौज में शामिल नहीं होना चाहते थे। वो अपने घरवालों का, वाइफ और बच्चों का ख्याल रखना चाहते थे। ये सब सुनकर क्लॉडियस का पारा और चढ़ गया और उन्होंने एक कानून लागू कर दिया जिसके तहत उसकी सल्तनत में रहने वाला कोई भी व्यक्ति शादी नहीं करेगा।
बताया जाता है उस दौर में ईसाई धर्म रोमन सल्तनत का सरकारी मजहब नहीं होता था और वहीँ Saint Valentine एक ईसाई पादरी हुआ करते थे, यहाँ जब राजा क्लॉडियस का कानून लागु हुआ तब ये खबर सामने आई कि Saint Valentine अपने चर्च में चुपके से लोगों की शादियां करा रहे है।
वो बादशाह के कानून के खिलाफ जाकर लोगो से छुपकर लड़कों की शादियां करा रहे थे क्योकि उनके हिसाब से एक शादी शुदा जिंदगी बगैर शादी शुदा जिंदगी से कई ज्यादा बेहतर होती है लेकिन उनकी ये अच्छी सोच ज्यादा दिनों तक छिपी न रह सकी और जैसे ही वैलेंटाइन के इन कारनामों के बारे में क्लॉडियस को पता चला उसने Saint Valentine को मारने का ऑर्डर जारी कर दिया।
इसके बाद वैलेंटाइन को पकड़ कर जेल में डाल दिया गया , यहाँ कहानी में एक ट्विस्ट आता है , वैलेंटाइन की जेल का जो जेलर हुआ करता था वो वैलेंटाइन के बिहेवियर से बहुत खुश हुआ , इसी जेलर की एक बेटी थी जिसका नाम जूलिया बताया जाता है, जो आँखों से देख नहीं पाती थी , यहाँ वैलेंटाइन ने चमत्कारी तौर पर जूलिया की आँखों को ठीक कर दिया।
अब जहाँ जूलिया का पूरा परिवार वैलेंटाइन का फैन बन गया वहीँ जूलिया वैलेंटाइन से प्यार करने लगी, अब ये सब सुनकर राजा क्लॉडियस ने वैलेंटाइन से मिलने का फैसला किया और मुलाकात में क्लॉडियस ने वैलेंटाइन को बक्शने के लिए कहा, बशारते वैलेंटाइन को ईसाई मजहब छोड़कर रोमन धर्म को फॉलो करना था लेकिन वैलेंटाइन ने अपनी सजा को ही चुना और 14 फ़रवरी के दिन Saint Valentine को फांसी पर चढ़ा दिया गया, बताया जाता है आखरी पलों में वैलेंटाइन ने जूलिया के लिए एक लेटर लिखा था जिसमे लिखा था from your valentine और यहाँ ये अल्फाज हमेशा के लिए अमर हो गए।
इस तरह से यूरोप में वैलेंटाइन्स डे की शुरुआत हुई और जो वहां शादी करता है वो इस दिन को सेलिब्रेट करता है लेकिन हमारे भारत में क्या , आप ही बताइये भारत में इस दिन के लिए कोई महत्व होना चाहिए, इन दोनों कहानियों में भारत से मिलता जुलता कोई भी किस्सा नजर नहीं आता लेकिन फिर भी बिना कुछ सोचे समझे लोग मूर्खों की तरह भइया लगे पड़े है will you be my valentine का नारा लेकर, जिसका मतलब शादी होता है
वहीँ लोगों में इसकी दीवानगी को देखकर बड़ी बड़ी कंपनियों ने भी इसका खूब फ़ायदा उठाया, वैलेंटाइन्स डे के लिए ग्रीटिंग कार्ड, मिठाइयां, बड़े बड़े गिफ्ट वहीं TV चैनल्स ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी और धुंआ धार इस दिन को प्रमोट किया, इस तरह से यूरोप की इस परेशानी को पूरी दुनिया में सेलिब्रेट किया जाता है जबकि यूरोप के इस दिन को हम भी कॉपी करें ऐसा कोई जरुरी नहीं है।