क्या है Indian Govt vs WhatsApp ? क्यों आज ये इतना ट्रेंड में है ? क्या है भारत का नया रूल और क्यों WhatsApp भारत सरकार को दे रहा है धमकी ? क्यों आज भारत सरकार और WhatsApp कंपनी आमने सामने है ? क्या बंद हो जाएगा WhatsApp ? क्या भारत से चली जाएगी meta कंपनी आइये सब जानते है।
हम आपके लिए लाये है एक ऐसी खबर जिसे सुनकर आप हैरान , परेशान , बेहाल और क्या पता सदमे में भी चले जाएँ क्योकि ये खबर है ही ऐसी, जनाब आप भी जब सुबह उठते होंगे तो यार WhatsApp तो जरूर ही चेक करते होंगे की क्या पता कहीं कोई इम्पोर्टेन्ट मैसेज तो नहीं आया है ऑफिस से, स्कूल ,कॉलेज से या फिर अपने दोस्तों यारों का लेकिन सोचिये अगर ऐसा हो कि जब आप WhatsApp ओपन करे तो आपका WhatsApp ओपन ही ना हो और न्यूज़ से आपको पता चले WhatsApp भारत से विदा ले चुका है तो क्या होगा ? लगेगा न बड़ा झटका लेकिन लेकिन इससे भी बड़ा झटका आपको तब लगेगा जब WhatsApp के बाद आप Instagram और Facebook को ऑन करेंगे और तब आपको पता चलेगा कि WhatsApp के साथ Instagram और Facebook भी भारत को अलविदा कह चुके है तो क्या हाल होगा इमेजिन करके देखिये।
ofcourse ये इमेजिन करना भी बड़ा डिफिकल्ट है लेकिन आने वाले समय में ऐसा हो सकता है क्योकि मोदी सरकार V/S WhatsApp खूब ट्रेंडिंग में है जी हाँ कोर्ट में मोदी सरकार और WhatsApp के बीच जंग छिड़ी हुई है और इस जंग को करीब 3 साल हो गए है, यही नहीं WhatsApp ने तो भारत छोड़ने की धमकी भी दे डाली है और WhatsApp जाता है तो instagram और फेसबुक भी भारत में नहीं रहेंगे क्योकि इन सबकी कंपनी तो एक ही है न meta, पर ऐसा क्यों हो रहा हैं ? चलिए इसे विस्तार से जानते है और शुरु करते है WhatsApp की शुरुआत से।
आज के समय में हर दूसरे इंसान के फ़ोन में आपको WhastApp देखने को मिल जाएगा, हर कोई WhastApp को मैसेजिंग के लिए यूज़ करता है, फिर चाहे बात professionally हो या फिर unprofessionally , वही अब तो WhastApp पर आप स्टेटस भी लगा सकते है साथ ही WhastApp पर payment UPI का ऑप्शन भी है जिसे ज्यादातर लोग यूज़ करते है लेकिन वाक़ई एक छोटी सी कंपनी से WhastApp आज एक बड़ा प्लेटफार्म बन चुका है, इसकी शुरुआत की बात करे तो साल 2009 में इसे california में जैन कौम (Jan Koum) और ब्रायन एक्टन (Brian Acton) ने बनाया था , जो yahoo में काम कर चुके थे, शुरुआत में WhatsApp को याहू में काम करने वाले कुछ लोगों ने फंडिंग दी थी लेकिन व्हाट्सएप के शुरूआती version अक्सर क्रेश होते रहते थे, ऐसे में Koum तो काफी निराश हो चुके थे लेकिन ब्रायन ने ऐसे समय पर अपना हौसला बनाये रखा।
इसके बाद अगस्त 2009 में व्हाट्सएप 2.0 को iphone द्वारा रिलीज़ किया गया, जिसके बाद इसकी पॉपुलैरिटी बढ़ी और धीरे धीरे इसको डाउनलोड करने वालो की संख्या बढ़ी, इस तरह कंपनी धीरे धीरे आगे बढ़ती गई, फिर 2010 में इसे android OS के लिए लाया गया, शुरुआत में व्हाट्सएप ने लोगों से ऐप यूज़ करने के लिए पैसे चार्ज किये लेकिन साल 2014 में जब मार्क जुकरबर्ग ने WhatsApp को ख़रीदा तब उन्होंने पेड सिस्टम को ख़त्म कर दिया, WhatsApp को जब Meta कंपनी ने खरीद लिया उस दौरान भी कुछ technical error आये जिसके चलते कई Users Telegram पर शिफ्ट हो गए लेकिन इससे WhatsApp की पॉपुलैरिटी पर कोई असर नहीं पड़ा और WhatsApp यूँही लोगों के मोबाइल पर राज करता रहा ।
साल 2018 में Meta ने WhatsApp फॉर बिज़नेस नए एप की शुरुआत की, अब भई आज के समय में हर Businessman चाहता है कि वो अपने Customer के साथ डायरेक्ट जुड़े, इसी बात का फ़ायदा WhatsApp ने उठाया, जिससे उसे काफी फ़ायदा भी हुआ, बता दे WhatsApp बिज़नेस में कंपनी बड़ी बड़ी कंपनियों को मैसेज भेजने और एड्स के लिए चार्ज करती है, साथ ही WhatsApp पर बिज़नेस के verified होने के लिए भी कंपनी अलग से पैसे चार्ज करती है।
वहीं मेटा यूज़र्स एक्सपीरियंस को बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रहे है, जिसमे अब तक कई नए फीचर्स भी ऐड किये जा चुके है और आने वाले समय में कंपनी यूज़र्स को कई फीचर्स और देने वाली है जैसे individual चैट पर लॉक, स्टेटस पर वौइस् नोट और वॉइस नोट में View Once का ऑप्शन और ऐसे ही कई नये फीचर्स।
But अफ़सोस शायद भारत WhatsApp के नये फीचर्स को नहीं देख पाएगा और इसकी वजह है IT कानून, पर क्या है ये IT रूल्स चलिए जानते है।
Indian Govt vs WhatsApp ये कोई मामूली बात नहीं है बल्कि ये आज एक बड़ा मुद्दा बन चुका है, सबसे पहले यहाँ हम आपको IT रूल के बारे में बताते है, दरअसल साल 2021 में IT रूल पेश किया गया था जिसके तहत भारत में जिन instant messaging app के Registered Users 50 लाख से ज्यादा है, उन्हें मैसेज के originator की डिटेल्स बतानी होगी, जरुरत पड़ने पर WhatsApp को सरकारी एजेंसियों के साथ सभी जानकारी Share करनी होगी जैसे मैसेज कहाँ से किसने किया है यानी व्हाट्सएप को अपना privacy feature End to end encryption को तोड़ना होगा लेकिन WhatsApp इसके सख्त खिलाफ है वो किसी भी हाल में End to end encryption को तोड़ने के लिए तैयार नहीं है।
पर क्यों तो आपको बता दें End to end encryption एक एन्क्रिप्शन स्टैण्डर्ड है, जिसे आज कई सारी कंपनियां यूज़ करती है, ये कोई WhatsApp की टेक्नोलॉजी या फीचर नहीं है, इसे secure communication के लिए यूज़ किया जाता है, बता दे इसकी खासियत ये है कि इसकी वजह से कोई भी थर्ड पार्टी मैसेज या कॉल को decrypt नहीं कर सकता है, यही नहीं इस फीचर की वजह से WhatsApp खुद भी दो लोगों के बीच हो रही बातचीत को डी कोड नहीं कर सकता है।
अब WhatsApp का कहना है कि लोग हमारा प्लेटफॉर्म इसलिए यूज़ करते है क्योकि हम उनकी प्राइवेसी को बरकरार रखते है, हमारा End to end encryption उन्हें भरोसा दिलाता है कि रिसीवर और सेंडर के बीच होने वाली बात सिर्फ उनके बीच ही रहेगी, ना तो WhatsApp कंपनी, ना इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर और ना ही कोई हैकर उस जानकारी को जान सकता है, इसलिए WhatsApp कंपनी कहती है कि अगर भारत सरकार चाहती है कि हम अपने encryption को तोड़कर भारत सरकार के साथ सेंडर की डिटेल्स शेयर करे तो हम ये नहीं कर पाएंगे और अगर ऐसा किया भी जाता है तो ना जाने इसके लिए कितना डाटा स्टोर करना पड़ेगा जो पॉसिबल नहीं है इससे अच्छा होगा कि हम भारत से चले जाएँ, आगे WhatsApp ने ये भी कहा है कि नये IT रूल हमारी राय के बिना बनाये गए थे और भारत के अलावा हमसे हमारा encryption तोड़ने को किसी ने नहीं कहा।
आपको बता दें WhatsApp ने 25 अप्रैल 2024 को दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की है कि कोर्ट इस नियम को unconstitutional करने का एलान करे और ये determine किया जाए कि कानून को फॉलो नहीं करने पर WhatsApp को कोई सज़ा नहीं दी जाएगी।
खैर ये बात तो हो गई WhatsApp की लेकिन हमारा ये जानना भी जरुरी है कि भारत सरकार ने आखिर इस नियम को लागू करने का फैसला क्यों किया ? दरअसल सरकार का काफी समय से कहना है कि WhatsApp के जरिये कई गलत कामों को अंजाम दिया जाता है, E2EE यानी End to end encryption की वजह से मुजरिम पकड़ा नहीं जाता इसलिए सरकार ने WhatsApp से एक ऐसा टूल बनाने के लिए भी कहा था जो ये बता सके कि मैसेज का ऑरिजिनेटर कौन है लेकिन WhatsApp ने इससे साफ़ इनकार कर दिया।
WhatsApp की पेरेंट कंपनी meta अपने फैसले पर कायम है और वो दूसरे देशों में भी अपने E2EE फीचर को लेकर काफी मजबूत स्टैंड रखती है, तो इसका मतलब साफ़ है कि अगर भारत सरकार WhatsApp पर E2EE तोड़ने का दबाव बनाती है तो वाक़ई WhatsApp भारत से Exit हो जाएगा लेकिन देखा जाए तो भारत सरकार और WhatsApp दोनों ही ऐसा नहीं चाहेंगे क्योकि एक तरफ मेटा के लिए भारत बड़ा बाजार है वहीं भारत में बड़ी संख्या में लोग WhatsApp का यूज़ करते है।
आपको बता दें एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 में दुनिया भर में WhatsApp को लगभग 2.78 बिलियन लोगों द्वारा चलाया जा रहा है और दावे है कि 2025 में ये आकड़ा 3.14 बिलियन तक पहुंच जाएगा और यहाँ सबसे बड़ी बात ये है कि दुनिया भर में सबसे ज्यादा WhatsApp के Users भारत में है जिनकी संख्या लगभग 535.8 मिलियन है, यानी WhatsApp Users के मामले में भारत टॉप पर है, इसके बाद है ब्राज़ील , इंडोनेशिया फिर अमेरिका ।
इस हिसाब से आप समझ सकते है कि भारत से WhatsApp चले जाने पर भारतियों को कितना बड़ा झटका लगने वाला है और जैसा कि आप जान ही चुके है WhatsApp unprofessionally ही नहीं बल्कि professionally भी काफी यूज़ किया जाता है बड़ी बड़ी कंपनियां इसे अपने काम के लिए इस्तेमाल करती है तो ऐसे में ये व्यवसाय के लिए भी एक बड़ा झटका होगा।
खैर जहाँ एक तरफ WhatsApp जाएगा वहीं दूसरा खतरा है इंस्टाग्राम के जाने का क्योकि इंस्टाग्राम और फेसबुक भी मेटा कंपनी के ही है ऐसे में तीन बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स भारत से चले जाएंगे तो लगेगा ही लगेगा।
आज के समय में फोटो वीडियो शेयरिंग एप इंस्टाग्राम सभी फ़ोन्स में देखने को मिल जाएगा और वाक़ई आज के समय में ये प्लेटफॉर्म्स केवल Youngsters में ही नहीं बल्कि बड़ों के बीच भी काफी पॉपुलर है, जहाँ हर उम्र का शख्स अपना समय बिताता है और अब तो ये लोगो की इनकम का सोर्स भी बन चुका है , जहाँ ढेरों लोग अपनी रील्स वीडियो बनाकर अपने टेलेंट को दुनिया के सामने पेश कर रहे है।
वैसे क्या आप जानते है इंस्टाग्राम को पहले कुछ और नाम से जाना जाता था, जी हाँ इसका पुराना नाम बरबन (Burbn) था लेकिन बाद में इसके फाउंडर्स kevin systrom और mike krieger ने इसका नाम इंस्टाग्राम रखा , इसे साल 2010 में लॉन्च किया गया था, इंस्टाग्राम को आईफोन यूज़र्स के लिए Location sharing, check ins करते समय पॉइंट्स अर्न करने के लिए और सोशल मीडिया पर फोटोज शेयर करने के लिए बनाया गया था लेकिन उस समय एप में काफी कमी थी जिसके चलते ये फ्लॉप होने लगा इसलिए फाउंडर्स ने एप में कई Changes किए और ये एक फोटो शेयरिंग एप बन गया और जब ये एप पॉपुलर होने लगा तो मेटा ने इसे अपने अंडर में ले लिया।
अब तो इंस्टाग्राम पर फोटो वीडियो के साथ रील्स भी आ गई है जो Users का सबसे फेवरेट फीचर है, इंस्टाग्राम आज दुनिया भर में सबसे पॉपुलर एप बन चुका है जहाँ कमाने से लेकर Entertainment का फुल पैकेज मिलता है, आज दुनिया भर में लगभग 2 billion के आसपास इंस्टाग्राम के यूज़र्स है वहीँ भारत में ये संख्या लगभग 362 मिलियन के आसपास है।
अब आप ही सोचिये अगर भारत से WhatsApp जाता है यानी मेटा कंपनी जाती है तो क्या होगा ? क्या होगा उन influencers का जिनकी कमाई का जरिया तो Insta ही है, क्या लगता है आपको क्या WhatsApp मानेगा या फिर भारत WhatsApp को जाने देगा लेकिन ये सब सोचने से पहले आप ये भी सोचियेगा कि WhatsApp चाइना , नॉर्थ कोरिया , सीरिया, क़तर और UAE में बैन है तो वो लोग भी तो जिंदगी जी रहे है तो क्या ये भारत के लिए भी सही रहेगा