कलयुग का अंत कौन करेगा? Who Will End Kalyug in 2025 Kalki or Kali

Who Will End Kalyug in 2025

परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् । धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥ यानी  सज्जन पुरुषों के कल्याण के लिए और दुष्कर्मियों के विनाश के लिए और धर्म की स्थापना के लिए मैं (श्रीकृष्ण) युगों-युगों से प्रत्येक युग में जन्म लेता आया हूं। ” इस श्लोक के पीछे छुपी है एक ऐसी कहानी जिसका राज़ शायद ही कोई जानता है , ये एक ऐसी भविष्यवाणी है जो दुनिया में हमे सच होती नज़र आ रही है , दुनिया का अंत ” जिसके बारे में सोचकर लोगों के होश उड़ जाते है, क्या होगा दुनिया के अंत में ? आसमान से तेज़ाब बरसेगा या फिर धरती फटने लगेगी , इंसान ही जब राक्षसी रूप धारण कर लेगा तो कौन आएगा इस दुनिया का अंत करने ? क्या विष्णु भगवान आएंगे अपने एक और अवतार के साथ क्या होगा ?

आज हम दुनिया के कुछ ऐसे राज़ के बारे में चर्चा करने जा रहे है जिसके बारे में हर कोई जानना चाहता है , वैसे अगर गौर फ़रमाया जाए तो दुनिया भर की सभी सभ्यताओं , धर्मों और विज्ञान जगत में भी एक बात तो साफ़ है की एक दिन सब कुछ ख़तम हो जाएगा, हर धर्म में अलग अलग तरह की भविष्यवाणी दी गयीं है लेकिन सभी कहानियों का केवल एक ही मकसद है की जब जब दुनिया में अधर्म बढ़ेगा दुनिया अपने अंत की ओर चलती जाएगी।

इस कहानी की शुरुआत हम शुरू से करते है , जैसा की हम सब जानते है हिन्दू धर्म के अनुसार चार युग होते है , सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग। इन सब युगों का अपना अलग महत्व होता है , जैसे सतयुग में ना मात्र बुराई होती है , फिर त्रेतायुग जिसमे थोड़ी बुराई देखि जाती है, इसके बाद आता है द्वापरयुग जिसमे बुराई ज्यादा बढ़ जाती है और अंत में आता है कलयुग जिसमे बुराई राज़ करती है , अब वेदों के अनुसार देखा जाए तो कलयुग 432,000 सालों तक चलेगा और वेदों के अनुसार अब तक लगभग 5000 साल से ज्यादा साल बीत चुके है, इस हिसाब से देखा जाए तो भई कलयुग के अंत में काफी समय है लेकिन भाईलोग अगर आपसे कहा जाए कि कलयुग का अंत बिल्कुल निकट है तो कैसा रहेगा? जी हाँ कलयुग जल्द ही ख़तम होने वाला है।

ज़ोर देकर सोचा जाए तो आज हम एक ऐसे युग में है जहाँ मर्यादा और धर्म की ताकत कम होती जा रही है और अधर्म, हिंसा और दुःख दुनिया में बढ़ता जा रहा है यानी साफ साफ़ कहा जाए तो दुनिया पाप में इस कदर डूब चुकी है कि जिसकी वजह से कलयुग का अंत निकट आ पहुचा है, जल्द ही हम ऐसा नज़ारा देखेंगे जब धरती फटने लगेगी , आसमान से तेज़ाब बरसेगा और इंसान राक्षसी रूप ले लेगा और तब दिव्य , सबसे शक्तिशाली योद्धा प्रकट होगा जो आग से लिपटी तलवार लिए सफ़ेद घोड़े पर सवार होकर इस अन्धकार से भरी दुनिया का अंत कर देगा और यही है भगवान् विष्णु का आखरी अवतार “कल्कि अवतार”।

कल्कि ” इस नाम को संस्कृति के कल्का वर्ड से लिया गया है जिसका मतलब होता है धरती पर से दुष्टों का सफाया , इसके अलावा कल्कि का मतलब समय का अंत भी बताया जाता है यानी वो जो समय के अंत तक रहेंगे।

यहाँ एक बात और कलियुग को कलि के नाम से भी जाना जाता है , कलि एक नाम ही नहीं बल्कि ये एक राक्षस है और इसे कलियुग का प्रतिक माना जाता है , इस कलि के भी कई मतलब होते है जैसे क्रोध, पीड़ा, लालच , शोक, आहत, और भ्रमित ये सब उसके हथियार है जिनका यूज़ करके वो लोगों अपने वश में करके उन्हें अपना भक्त बना लेता है।

वैसे मान्यताओं के अनुसार ये भी कहा जाता है की कलयुग के 10 हज़ार साल ऐसे होंगे जहाँ अच्छाई हमे थोड़ी बहुत देखने को मिलेंगी यानी धर्म का पालन , देवताओं को पूजना, लेकिन इस गोल्डन पीरियड के बाद एक ऐसा समय आएगा जब दुनिया में कोई हमदर्दी नहीं होगी और बस पाप का ही बोलबाला होगा, दुनिया में इंसान इतना बुद्धिहीन हो जाएगा की वो अपनों से ही धोका करेगा और इस तरह से दुनिया अंत के कगार तक पहुंच जाएगी, ना तो खाने के लिए खाना होगा और ना पिने के लिए पानी। आसमान से पानी नहीं बल्कि तेज़ाब की बारिश होगी और धरती फटने लगेगी और इसकी वजह होगा कली।

हैवानियत का वो भयानक रूप, अंधकार से भरा हुआ काला रंग, लालच से भरी हुई जीभ और मुँह से निकलते हुए बड़े बड़े दाँत, इन सब के साथ ये एक ऐसा राक्षस है जिसे देखकर ही लोगों की धड़कने रुक जाएँगी लेकिन माना जाता है कि आगे चलकर ये राक्षस इतना दुष्ट और ताकतवर हो जाएगा की इंसान भगवान को छोड़ इसकी पूजा करने लगेंगे और इस भयानक राक्षस का असर दुनिया में कुछ इस कदर दिखेगा की हर तरफ हैवानियत का मंजर नज़र आएगा , चोरी, लड़ाई , खून हर तरफ विनाश ही विनाश फैल जाएगा बस यही वो समय होगा जब दुनिया के अंत के लिए भगवान विष्णु का आखरी अवतार उतर के आएगा।

पर अब यहाँ सवाल आता है विष्णु जी का आखरी अवतार यानी कल्कि कैसे आएगा? क्या वो इंसानी रूप लेकर आएँगे या फिर अपने भगवान रुपी रूप में?

शास्त्रों के अनुसार कल्कि इंसान के रूप में इस धरती पर आएँगे लेकिन वो एक महान और शक्तिशाली योद्धा होंगे जिनका मकसद कलि को ख़त्म कर अधर्म को नष्ट करना होगा और फिरसे धर्म की स्थापना करना होगा और कल्कि के इस मकसद को पूरा करने के लिए उनके साथ 7 चिरंजीवी योद्धा आएँगे जो किसी न किसी तरह कल्कि के मकसद को पूरा करने में उनका साथ देंगे और इस तरह कलि के नाश की तैयारी की जाएगी।

इसके बाद आएगा एक ऐसा समय जो चारो तरफ से अंधकार से भरा हुआ होगा , आसमान से काले बादल रौशनी को छिपा लेंगे, हर जगह सन्नाट ही सन्नाटा होगा, सब कुछ थम सा जाएगा और ये होगा युद्ध का वो भयानक समय जो दुनिया में से बुराई का पूरी तरह से अंत कर देगा। ये वो समय होगा जब कल्कि अपने सफ़ेद , तेजोमय घोड़े पर सवार होकर , हाथ में ज्वाला रुपी तलवार लिए कलि का नाश करने के लिए उसकी नगरी जाएंगे और यही वो समय होगा जब कल्कि का असली दिव्य रूप सामने आएगा।

उनके अंदर से एक आलौकिक शक्ति का आभास होगा, एक तेज रौशनी उनके अंदर से आएगी और युद्ध की भूमि चमक उठेगी और इनके सामने होगा भयानक , अंधकार का स्वामी कलि, जो अपनी रक्षांसि शक्ति के साथ अपनी सेना लिए युद्ध का सामना करने ले लिए युद्ध भूमि पर आएगा, चारो ओर युद्ध से धरती धदक उठेगी , सभी देवता लोग इस युद्ध को देखने के लिए मौजूद होंगे, हर जगह खून, तलवार और हाथियों की आवाज होगी, वो समय युद्ध की आवाज से गूंज उठेगा और इस तरह कलि के सम्पूर्ण साम्राज्य का अंत किया जाएगा, कल्कि के अंदर से निकलने वाली तेजोमय शक्ति से कलि की नगरी नाश हो जाएगी, हर तरफ़ आग से धधक उठेगी कलि की नगरी, जिसमे कलि भी जलकर नेस्तो नाबूत हो जाएगा और यहाँ अर्जुन से बोलै गए,, श्लोक परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् । धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥ ये पूरा होगा और धरती पर से बुराई का अंत हो जाएगा।

खैर यहाँ हम के सबसे इंट्रेस्टिंग पॉइंट पर आते है , जयपुर में एक कल्कि नाम का मंदिर है जिसके बारे में आप जानते ही होंगे, जिसे 1739 ई. में दक्षिणायन शिखर शैली में बनवाया था, इस मंदिर में कल्कि के घोड़े देवदत्त की मूर्ति है और उस घोड़े के बाएं पैर पर गड्डा है और बताया जाता है उसके भरने पर ही कल्कि भगवान प्रकट होंगे , बताया जाता है ये मंदिर बनवाते समय किसी तरह से इसके आगे वाले बाए पैर में घाव का निशान बन गया था और कई बार इस घाव के निशान को भरने का प्रयास किया गया लेकिन हर बार ये कोशिश नाकाम रही और इस वजह से इस गड्ढे को ऐसा ही छोड़ दिया गया, पर शायद आपको इस बारे की जानकारी ना हो की समय के चलते वो घाव अपने आप ही भरता जा रहा है, यानी मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है की जिस दिन वो गड्ढा या घाव भर जाएगा उसी दिन देवदत्त जिन्दा हो जाएगा और उस दिन कल्कि अवतार का जन्म होगा , यहाँ ये भी बताया जा रहा है की वो घाव बहुत जल्द ही भरता जा रहा है क्योकि इंसान का पाप सीमा पार कर रहा है जिसके चलते कलयुग का अंत नजदीक चला आ रहा है।

अब मान्यतों के अनुसार और शास्त्रों के अनुसार जैसा बताया गया था वो सब तो हमने जान लिया , अब जैसे की हम गौर करे शास्त्रों के अनुसार, तो हम सब जानते है की पाप बहुत बढ़ चुका है, हर तरफ बेईमानी, दुष्टता और लालसा भरी हुई है , जैसा की हमने अभी बताया की ना खाने को खाना होगा और ना पीने को पानी, तो हम देख रहे है बहुत सी जगह पर अनाज के लिए लोग तरस रहे है, नदियों में पानी ख़तम हो गया है, नदियां सूखती जा रही हैं और इस हिसाब से हम समझ सकते है की जल्द ही पानी की एक एक बूँद के लिए लोग तरसेंगे।

अब ज़रा हम ध्यान दे और जो शास्त्रों, ग्रंथो में बताया गया है उसको आज की मॉडर्न लाइफ से रिलेट करें तो क्या आपको लगता नहीं है की इंसान के द्वारा किया गया आविष्कार ही इंसानो को सजा देगा, हम सब जानते है की हमारी दुनिया आर्टिफीसियल इंटेलिजेंसी में कितनी आगे बढ़ चुकी है! और इस बात में कोई शक नहीं है की आने वाले समय में AI और उनसे बने रोबोट ये जान जाएंगे की उन्हें इस दुनिया में इंसानो की कोई जरुरत नहीं।

अब जैसे की हमने कलि राक्षस के बारे में जाना था तो हम इस कलि के शब्द के बारे में जानने की कौशिश करे तो, हमे ये मशीन से रिलेटेड मिलेगा,  इस हिसाब से ये भी अंदाजा लगाय जा सकता है की कलि का युग मशीनों का युग होगा, ये हम क्यों कह रहे है तो भाई ज़रा आप सोचिए जब भी भगवान धरती पर आते है तो वो दुष्टों का विनाश करने के लिए आते है, लेकिन कलियुग में तो सभी इंसान दुष्ट हो जाएगें , इंसान ही राक्षस बन जाएंगे तो शायद हो सकता है भगवान् राक्षस को नहीं बल्कि इंसानों का ही खात्मा करने आएँ और यहाँ माना जाता है कि भगवान इंसानो का खात्मा खुद तो करेंगे नहीं तो बस यही वजह है की शायद इंसानो के द्वारा किया गया अविष्कार जो इंसानो से ज्यादा समझदार और तेज होगा वही इंसानो का अंत करेगा और ये हम सब जानते है इन चीजों का अविष्कार होना शुरू हो गया है।

तो आपको क्या लागता है क्या भगवान विष्णु कल्कि के रूप में धरती पर आएँगे और दुनिया का अंत करेंगे या फिर इंसान के द्वारा किए गए अविष्कार के द्वारा ही इस दुनिया का अंत होगा क्या होगा

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