Amazing Facts About Apple Company

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क्या आप जानते हैं आईफोन 12/128 जीबी की रियल कॉस्ट कितनी है? क्या आप जानते एप्पल कंपनी का लोगो logo बनाने का आईडिया सबसे पहले किसके दिमाग में आया? क्या आप जानते हैं आईफोन में बने आई ( i) का क्या मतलब होता है?

आज हम  आईफोन की बात करने जा रहे हैं अगर आप उसकी रियल कॉस्ट के बारे में जानेंगे तो आपकी  आंखें भी फटी की फटी रह जाएगी जी हां वही आईफोन जिसको लेने के लिए लोग दीवाने हुए पड़े  है और इंडिया में इसकी कॉस्ट 57,900, है यानी कि हम आईफोन 12 /128 जीबी की बात कर रहे है . अब सवाल यह  है कि जब मैं खुद ही यह बोल रहा हूं कि  57,900 रुपए का फोन इंडिया में बिक रहा है खुलेआम तो फिर उसकी रियल कॉस्ट है क्या ?तो आपको बता दे आईफोन के नाम से बिकने वाला इस  मैजिक गैजेट की रियल कॉस्ट मात्र 30000 है। यह तो रही इंडिया की बात। 

अगर यही बात हम बाहरी देश  जैसे usa की करें तो इसकी कास्ट  वहा 58 हजार रूपए है अब आप सोच रहे होंगे कि भैया यह आईफोन है या कोई डायमंड जो अपनी कीमत बढ़ाता ही चला जा रहा है। अब सबसे बड़ा सवाल हमारे सामने यह है कि इंडिया और usa में बिकने वाला यह आईफोन इतना महंगा क्यों है? महंगा तो चलो ठीक है लेकिन आज की यूथ की डिमांड भी आईफोन ही है चाहे वह कितना ही महंगा क्यों ना हो लेकिन लेना उन्हें आईफोन ही है ऐसा लगता है मानो आईफोन लेने के बाद उनकी पर्सनैलिटी डेवेलप हो गई है।

ये जानने से  पहले हम यह बता दे जो एप्पल है वह अपने प्रोडक्ट्स पर 50% का मार्जिन रखता है हो गए ना आप भी हैरान एक कंपनी अपने बनाए गए प्रोडक्ट्स पर 50% का मार्जिन कैसे रख सकती है आखिर क्या खूबी है जो बिना डरे बिना हिचके वह इतना बड़ा मार्जिन तय करते है आप इसे ऐसे समझिए मानिए USA में किसी आईफोन की कास्ट 60000 है तो उसकी रियल कॉस्ट जो है वो 30000 होगी और जो 30000 बचे  वह उसका प्रॉफिट होगा और वही फोन अगर इंडिया में आकर सेल आउट होता है तो उसे फोन पर गुड एंड सर्विस टैक्स 18% प्लस इंपोर्ट ड्यूटी 30% लग जाती है और यही वजह है जो 30000 का फोन है इंडिया के मार्केट में आने के बाद बढ़ती कीमत में बिकता है ।

इतनी बड़ी डिमांडेबल फोन जिसकी चाह हर  इंसान रखता है तो उसके बारे में उसका इतिहास तो जानना बनता है तो चलिए जानते हैं कि आखिर ये एप्पल कंपनी कहां से आई और किसने बनाई।

एप्पल के  सीईओ स्टीव जॉब्स steve jobs ने सबसे पहला iPhone 9 जनवरी, 2007 में लॉन्च किया था आपको बता दें लांच होने के कई महीने पहले से ही इस फोन के आने की खबर मार्केट में आ चुकी थी।  इस फोन का साइज 3.2 इंच था और वहीं अगर हम इसकी डिस्प्ले पर गौर करें तो उस समय  आईफोन का डिस्प्ले प्लास्टिक का हुआ करता था। इस बात पर स्टीव ने तब  गौर  किया जब एक दिन उन्होंने अपने पॉकेट से फोन निकाला उनकी नजर अपने फोन के गिलास पर पड़ी तो उन्होंने महसूस किया इस फोन में और चेंज करने चाहिए और ऐसा सोच कर लांचिंग के कई महीनो बाद प्लास्टिक डिस्प्ले को हटाकर iphone में ग्लास की डिस्प्ले लगवा दी क्योंकि स्टीव नहीं चाहते थे की क्वालिटी से कोई भी कंप्रोमाइज किया जाए।

इसके बाद एप्पल ने अपना अगला कदम साल 2019 में उठाया जब इन्होने तीन आईफोन लॉन्च किए iPhone 11,11 Pro और 11 प्रो मैक्स।  वही अगर हम iphone 11 की बात करें तो उसमें 6.1 इंच का लिक्विड रेटिना डिस्प्ले था , वही 11 प्रो में ट्रिपल 12MP कैमरा था और प्रो मैक्स में एक सुपर एचडी रेटिना एक्सडीआर डिस्प्ले दिया गया , वैसे  देखने में तीनों फोन लगभग एक जैसे ही थे लेकिन प्रो 11pro मैक्स की डिस्प्ले दोनों फोनो से बड़ी थी । लेकिन ये फोन इतने पॉपुलर नहीं हुए जितना पॉपुलर हुआ 2018 में आया आईफोन 10 R  ,और आज भी आईफोन 10 R मार्केट में अपनी वही जगह बनाये हुए है।

अगर आज भी हम सबसे ज्यादा बिकने वाले आईफोन की बात करें तो सबसे ज्यादा यूज होने वाला iphone 7 और iphone 8 ही है चलिए आप जानते हैं कि इस आईफोन में आई i का क्या मतलब है ।

अगर स्मार्टफोन लेने की बात की जाए तो सबसे पहले लोगों के दिलों दिमाग में आईफोन का ही ख्याल आता है क्योंकि इसने अपनी मार्केट में अलग वैल्यू बना रखी है इस फोन में वो सारी चीजें मौजूद है जो एक नॉर्मल स्मार्टफोन में नहीं मिलती जैसे कि बेहतर परफॉर्मेंस दमदार टेक्नॉलॉजी आईफोन के लिए लोग इस कदर दीवाने है कि लोग लाखों पैसा खर्च करके या उधार लेकर भी आईफोन जरूर खरीदते हैं ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें आईफोन बहुत पसंद है लेकिन क्या आप जानते हैं इस आईफोन मेंi का क्या मतलब होता है। अगर नही तो कोई बात नहीं चलिए हम आपको बताते हैं इस i का मतलब।

दरअसल साल 1998 में हुए एप्पल के एक इवेंट में स्टीव जॉब्स ने ‘i’ और “मैक” के बीच लिंक के बारे में बताते हुए  कहा था Mac में ‘i’ इंटरनेट के लिए use किया गया है. इंटरनेट के अलावा Apple के प्रोडक्ट्स में i का मतलब (individual), (instruct),  (inform) और (inspire) से भी होता है।आपको बता दे 

स्टीव जॉब ने पहले टच स्क्रीन फोन नहीं बल्कि एक टैबलेट बनाने की सोची था लेकिन दुनिया में बढ़ती हुई मांग ने उनकी सोच को बदल दिया और उन्होंने आईफोन लॉन्च कर दिया इसके बाद इन्होंने आईपैड भी बनाएं जो की बहुत सक्सेसफुल रहे जिनकी डिमांड आज भी मार्केट बनी हुई है जैसे मानो आज ही लॉन्च हुए हो। इसके बाद चलिए एक नजर हम रेड आईफोन पर भी डाल लेते हैं और जानते हैं इस रेड आईफोन के पीछे क्या कहानी है।

हम सभी जानते हैं कि आईफोन डिफरेंट कलर्स में अवेलेबल है क्या आप जानते हैं रेड कलर के आईफोन के पीछे क्यों लिखी होती है प्रोडक्ट रेड,, दरअसल इसके पीछे भी एक बहुत बड़ी कहानी है एक्चुअली saal 2006 में एप्पल कंपनी ने एक ऐसी चैरिटी कंपनी के साथ अपनी पार्टनरशिप की जिसका मेन मकसद देश से एचआईवी पॉजिटिव को हमेशा हमेशा के लिए खत्म करना था और इस कंपनी का नाम प्रोडक्ट रेड होने की वजह से आईफोन red के पीछे प्रोडक्ट रेड लिखा होता है आपको बता दें आईफोन अब तक इस चैरिटी को 280 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा डोनेट कर चुका है।

वैसे तो हम सभी जानते हैं कि एप्पल का आईफोन 2007 में लॉन्च किया गया था लेकिन हममें से बहुत कम लोग जानते हैं कि यह प्रोजेक्ट 2005 में ही स्टार्ट हो गया था यह एक सीक्रेट प्रोजेक्ट था जिसका एक कोड था प्रोजेक्ट पर्पल टू आपको बता दें यह इतना टॉप सीक्रेट था कि कंपनी के कुछ ट्रस्टेबल पर्सनस को ही इसके बारे में पता था।

एप्पल के आईफोन की अपनी एक अलग पॉलिसी है जिसकी वजह से वो दूसरे फोनो से अलग है आपको यह जानकर हैरानी होगी कि  मूवीस में नेगेटिव रोल करने वाली यानी कि विलंस को आईफोन यूज करने की परमिशन नहीं दी गई है इसकी वजह स्टीव ने यह बताई है कि वह नहीं चाहते कि इससे कोई भी नेगेटिव इंपैक्ट किसी और पर पड़े ।

अब हम उस फैक्ट की बात करने जा रहे हैं जिसके बारे में पूरी दुनिया जानना चाहती है और वह फैक्ट और कुछ कोई नहीं बल्कि आईफोन पर बना हुआ एप्पल का लोगो है।

स्टीव जॉब्स लोगो डिजाइन करने वाले से जब इस बारे में पूछा गया कि,, कि आपके माइंड में इस तरह का लोगो बनाने का ख्याल कैसे आया तो जो उन्होंने बताया उसे सुनकर तो आप हैरान ही हो जाएंगे दरअसल उन्होंने इस लोगों को डिजाइन करने से पहले एप्पल की एक बास्केट मंगाई थीं और  एक एप्पल का पिक्चर अपने कैनवास पर ड्रा करने लगे  लेकिन उन्हें इसमें कुछ खास नहीं लगा अभी ये कुछ सोच ही रहे थे की तभी उन्होंने एक एप्पल उठाया और उसकी एक बाइट खा ली, इसके बाद जैसे ही उनकी नजर us आधे कटे एप्पल पर पड़ी तो उनके माइंड में सेम ऐसा ही लोगों बनाने का आइडिया आया और उसे उन्होंने पेपर पर ड्रॉ कर लिया, स्टीव को ये लोगों बहुत पसंद आया इसलिए इन्होंने iphone का लोगो यहीं डिसाइड किया ।

एप्पल कंपनी की वर्थ आज 2 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा है और यह वर्ल्ड की सबसे कोस्टली कंपनियों में से एक मानी जाती है।

तो आईफोन लॉन्च हो और लोग इसे ना खरीदे ऐसा तो हो ही नहीं सकता बात है साल 2017 की जब एक 17 साल के लड़के ने आईफोन खरीदने के लिए अपनी किडनी को बेच दिया उसके सर पर आईफोन खरीदने का इतना भूत सवार था की जब  उसके पास पैसों की व्यवस्था ना हो सकी तो उसने अपनी एक किडनी बेच दी और उससे मिले हुए पैसों से उसने आईफोन खरीद लिया।

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