Swami Who Calls Himself Shiva – स्वामी नित्यानंद के अनसुलझे सच

Swami Who Calls Himself Shiva

आज की ये कहानी होने वाली हैं एक ऐसे ढोंगी बाबा की जो एक रेपिस्ट , मर्डरर , किडनैपर होने के बावजूद खुद को शिव का अवतार बताता हैं, इतना ही नहीं इतना सब करने के बाद भी ये ढोंगी बाबा आज आज़ाद घूम रहा है वो भी अपने अलग देश में जिसका ठिकाना कहां है कोई नही जानता?  ये कहता था की ये अपनी शक्ति से सूरज को 10  मिनट के लिए उगने से रोक सकता हैं ? वो कहता था की वह गाय को ना सिर्फ हिंदी बल्कि संस्कृत और तमिल जैसी भाषा सीखा सकता है और बुलवा भी सकता है, जी हाँ हम बात कर रहे हैं ढोंगी बाबाओं के सरदार स्वामी नित्यानंद के बारे में , और आज हम जानने वाले हैं इस ढोंगी से जुडी कुछ ऐसी ही मजेदार बातों के बारे में। 

चलिए की शुरुआत करते हैं और नित्यानंद बाबा की जिंदगी को उसके बचपन से जानते हैं , तो इस कहानी की शुरुआत होती हैं 1  जनवरी सन 1978 से, जब तमिल नाडु के tiruvannamalai नाम के एक गांव में एक किसान परिवार के बीच एक बच्चे का जन्म हुआ और इस नन्हे से बच्चे का नाम  रखा गया अरुनाचलम राजसेकरन। वैसे आपकी जानकरी के लिए बता दें की ये नन्हा बच्चा कोई और बल्कि आगे चलके नित्यानंद  नाम से पहचाने जाने वाला ढोंगी बाबा ही था। बात करें इसके माता पिता की तो इनकी माँ का नाम था, Lokanayaki. जोकि एक ग्रहणी थी यानी हाउस वाइफ , वहीँ इनके पिता का नाम था Nithya अरुणाचलम। और जैसा की हम आपको पहले ही बता चुके है की इनका जन्म एक किसान परिवार में हुआ था, यानी इनके पिता एक किसान थे। 

बचपन से ही अरुणाचलम राजसेकरन को आध्यात्मिकता में काफी रूचि यानि इंटरेस्ट था , अब जैसे ही अरुणाचलम राजसेकरन 3  साल का हुआ तो उसकी मुलाक़ात वहाँ के प्रसिद्द गुरु से होती हैं जिनका नाम था योगिराज योगानंद गुरु, और इनसे पहली मुलाक़ात के बाद  अरुणाचलम राजसेकरन  योगिराज योगानंद गुरु के शिष्य बन गए , या यूँ  कहें की योगिराज योगानंद गुरु जी ने ही उन्हें अपना शिष्य बना लिया क्योंकि वह अरुणाचलम राजसेकरन के अंदर मौजूद छिपी हुई शक्तियों को अपनी आँखों से देख चुके थे और अपना शिष्य बनाते ही योगिराज योगानंद गुरु जी ने इन्हे वेद पुराण और आयुर्वेद का ज्ञान देना शुरू कर दिया। 

ऐसे ही योगिराज योगानंद गुरु अरुणाचलम राजसेकरन को कई तरह का ज्ञान देते रहे और जब अरुणाचलम राजसेकरन 12 साल के हुए तब उनकी मुलाक़ात हुई अपने अंदर छिपी सभी शक्तियों से जोकि उनके अंदर ही कहीं छिपी हुई थी, इसके बाद जैसे जैसे वह बड़े होते गए उनकी शक्तियां बढ़ती गई , लेकिन अरुणाचलम राजसेकरन की जिंदगी में 17  साल की उम्र में वो दिन आया जब उन्हें दर दर भटकने पर मजबूर होना पड़ा, जी हाँ और वो दिन था योगिराज योगानंद गुरु की मौत का ,  लेकिन इस दौर में भी अरुणाचलम राजसेकरन ने खुद को टूटने नहीं दिया।

और जब वह 17 साल के हुए तो उन्होंने अपने अंदर कुछ ऐसी शक्तियां महसूस की जिनसे उन्हें सच में यकीन हो गया था की वो कोई आम इन्सान नहीं हैं  बल्कि इस दुनिया में उन्हें कुछ अलग तरह से बनाकर भेजा  गया हैं , जब अरुणाचलम राजसेकरन 24  साल के हुए तब उन्होंने अपना नाम अरुणाचलम राजसेकरन से बदलकर नित्यानंद रख लिया।  

और कुछ समय बाद ही वह बैंगलोर चले गए जहाँ उन्होंने ध्यानपीठम आश्रम नाम का एक आश्रम खोला, इस आश्रम की शुरुआत में तो वह छोटे मोटे काम करते थे जैसे हॉस्पिटल्स में जाकर कुछ लोगों के ऊपर अपना जादू दिखाना और जैसे ही वो लोग ठीक हो जाते यानी उनकी तबियत सही हो जाती तो उसका पूरा क्रेडिट ये नित्यानंद बाबा ले जाते, यानी डॉक्टर्स की मेहनत गई कचरे के डब्बे में।   

इसी काम को करते करते नित्यानंद बाबा ने कुछ ही समय में अपने बहुत सारे फैंस बना लिए अब लोग अपनी प्रोब्लेम्स को सोल्व करवाने के लिए उनके पास आने लगे, इसके बाद से ही उनका आश्रम में भक्तों की भीड़ का आना शुरू हो गया।  

इतना ही नहीं इसके कुछ समय बाद ही अमेरिका में  भी उनके आश्रम की एक ब्रांच शुरू हो गई  थी , जिसका नाम रखा गया लाइफ ब्लिस फाउंडेशन , बता दें की सत्यानंद बाबा की फैन फोल्लोविंग में छोटी जाती से लेकर बड़ी जाती के लोग , अमीर से लेकर गरीब लोग , और कई सारे सेलिब्रिटीज भी शामिल थे , सत्यानंद अपने भक्तों को मैडिटेशन , योग , और भक्ति की चीजें सिखाते थे , इतना ही नहीं सत्यानंद बाबा लोगों को वेद पुराण, पतंजलि के योग सूत्र , ब्रह्मा सुत्राज़, शिव सुत्राज़ और भगवद गीता का ज्ञान दिया करते थे

इसके साथ ही ये अपने भक्तों को योग की कई और नई नई टेक्निक्स सिखाते थे, जिनमे रोप योगा , पोल योगा के लिए उन्हें गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी मिल चुका हैं लेकिन अब सवाल ये आता हैं की इतने  सारे लोग और इतना ज्यादा फेम उनकी तरफ क्यों अट्रैक्ट हो रहा था? तो इसका जवाब हैं बाबा सत्यानंद द्वारा हांसिल की गई वो 400  सिद्धियां जो उन्होंने कड़ी तपस्या से प्राप्त की थी । इतना ही नहीं सत्यानंद तो ये भी बताते हैं की उन्होंने अपने द्वारा हांसिल की गई इन 400  सिद्धियों में से kundalini chakra और तीसरी आँख एक्टिवेट करने जैसी  60 सिद्धियां अपने भक्तों को भी सिखाई थी। यही समय था जब सत्यानंद ने खुद को एक भगवन के रूप में यानी शिव के रूप में मान लिया था, क्योंकि इस समय वो कहते थे की मैं कोई साधारण इंसान नहीं हूँ बल्कि मेरे अंदर कुछ ख़ास शक्तियां हैं जैसे मैं अपने चारों तरफ की चीजों को देख सकता हूँ यानी उनकी आंखें 360 डिग्री तक घूम सकती थी। 

इसके अलावा वह अपने भक्तों को बताते की जब उनकी तीसरी आँख एक्टिवेट हो जायेगी तो वह दीवार के पार रखी चीज को भी देख सकेंगे , एक समय था जब नित्यानंद बताते थे की उन्होंने अपनी सिद्धि के चलते सैंकड़ों लोगों की आँखों को रिकवर करने में मदद की हैं हालांकि नित्यानंद की इस बात में कितनी सच्चाई हैं और कितना झूंट ये आज तक कोई नहीं जान पाया क्योंकि आज तक किसी ने उनकी इस बात का प्रूफ नहीं देखा।   

खैर प्रूफ तो किसी भी चीज का नहीं हैं लेकिन वो बताते थे की वह एक ऐसा सॉफ्टवेयर बना सकते हैं , जिससे वह गाय माता के मुँह से संस्कृत बुलवा सकते हैं , खैर इस बात का तो कोई प्रूफ मांगेगा ही नहीं क्योंकि ये बात तो सुनने में ही पूरी तरह से झूठी लग रही हैं , पर सत्यानंद बाबा के ये सिलसिले यहीं नहीं ख़त्म हुए क्योंकि उन्होंने तो ये भी बताया था की वह सूरज को उगने से 10  मिनट तक रोक सकते हैं । 

अब इन सभी बातों के बाद नित्यानंद मानो उनके भक्तों के लिए पूरी तरह से भगवान् बन चुके थे , लेकिन तभी एक ऐसा समय आया जब भगवान् कहे जाने वाले इस बाबा को इस दुनिया का रावण कहा जाने लगा।

दरअसल सन 2010 में न्यूज़ चैनल पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमे वह एक्ट्रेस रंजीता के साथ कुछ गलत हालत में पाए गए, जी हाँ रंजीता एक तमिल एक्ट्रेस थी जो नित्यानंद बाबा को अपना गुरु माना करती थी लेकिन जब वह नित्यानंद के आश्रम पहुंची  तो उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जो वाकई में बहुत गलत था , वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस वीडियो को शूट करने वाला कोई और नहीं बल्कि नित्यानंद का ड्राइवर लेनिन करुप्पन ही था , जोकि पहले ही नित्यानंद से धोखा खाकर बैठा हुआ था और इसी भड़ास के चलते उसने ये कदम उठाया। 

अब  जब ये वीडियो पब्लिक में फैली तो नित्यानंद और रंजीता सब के सामने बोलै की ये वीडियो उनका नहीं हैं, साथ ही रंजीता ने ये भी कहा की मैं तो अपनी सहेलियों के साथ थी  ये वीडियो झूंटी हैं इस वीडियो को किसी ने मॉर्फेड किया हैं।  

अब नित्यानंद की तो पता नहीं लेकिन रंजीता ये जो भी बातें कह रही थी वो दबाव में कह रही थी , दरअसल होता कुछ यूँ था की जो भी इंसान नित्यानंद के आश्रम में जाता था, उन्हें आश्रम में एंट्री लेने से पहले बहुत से एग्रीमेंट साइन करने होते थे , और उन्ही में से एक एग्रीमेंट होता था की आश्रम के अंदर जो भी होगा उसके बारे में किसी को भी बाहर ना बताया जाए , और शायद यही वजह थी की रंजीता जैसी और भी कई लडकियां इस बाबा की काली करतूत को बाहर नहीं बताती थी।  

अब जैसे ही ये वीडियो वायरल गई तो सड़कों पर हंगामा हो गया, लोग नित्यानंद के पोस्टर्स को फाड़ने लगे और कई लोग तो इनके फोटो को जला भी रहे थे , अब भले ही बाहर के लोग नित्यानंद बाबा को गलग मान रहे हों लेकिन इनके आश्रम में रहने वाले इनके भक्त इन्हे अभी भी सही मान रहे थे। पर कहते हैं न की अगर सच्चाई की तरफ कोई  एक कदम बढ़ा दे तो सभी लोग उसके पीछे  चलने लग जाते हैं ठीक उसी तरह जब नित्यानंद की ये वीडियो सामने आई तो उनके आश्रम में रहने वाली ही एक लड़की आरती राव ने भी नित्यानंद बाबा के काले सच के बारे में पूरी दुनिया को बता दिया।    

खैर अभी तक तो नित्यानंद अपनी पावर के चलते बचता जा रहा था लेकिन साल 2019  में जब बैंगलोर के एक कपल ने नित्यानंद के खिलाफ अपने 4 बच्चों की किडनैपिंग का आरोप लगाया था, इसके बाद बाबा के अहमदाबाद वाले  आश्रम से उस कपल के 2  बच्चो को निकाला गया, लेकिन उनमे से अभी भी 2 बच्चे गायब थे, फिर बहुत दिनों बाद नित्यानंद द्वारा एक वीडियो अपलोड किया गया जिसमे कपल की एक बेटी कहती है की वह नित्यानंद बाबा के आश्रम में हैं और वह अब वापस अपने घर नहीं आना चाहती । 

वैसे अब आपके मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा की आखिर इतने केसेस के बाद भी नित्यानंद बाबा को पकड़ा क्यों नहीं जा रहा तो आपको बता दें की नित्यानंद आज इस दुनिया के एक ऐसे कोने में है जिसके बारे में किसी को भी पता नहीं हैं , यहाँ तक की उसने वहाँ अपना अलग देश भी बसा लिया है , जिसका नाम रखा गया हैं कैलाशा। और अब वो वहाँ पर अपना अलग ही देश बना रहा है । जिसके क़ानून नियम , तौर तरीके , यहां तक की वो अपने देश की करेंसी भी सभी देशों से अलग रखना चाहता हैं । 

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