MDH – EVEREST होंगे BAN? | Will MDH and Everest be Banned?

mdh and Everest

भारत के मसालों के पॉपुलर ब्रांड MDH और Everest पर उठ रही है उँगलियाँ, सिंगापुर और hong kong में हुए कुछ मसाले बैन, आखिर क्या है वजह जो लगाई जा रही है मसालों पर रोक ? क्या है पूरा मामला ? क्या ये मसाले बन सकते है कैंसर की वजह ? कैसे हुए थे ये मसाले पॉपुलर और कैसे आज घिरे है ये विवादों में?  चलिए सब कुछ जानते है।  

घर में अगर छोले बनाने का मन कर रहा है तो चना मसाला, सांभर खाने का मन कर रहा है तो सांभर मसाला, पाव भाजी मसाला और हर डिश में जान डाल देने वाला गर्म मसाला और चाट मसाले की तो यार बात ही अलग है, यानी मसाले हमारे किचन की वो शान है जो भाईसाहब खाने के स्वाद में तो चार चाँद लगा देते है, वहीँ इनसे बने खाने का स्वाद जब ज़ुबान से लगता है तो ओहो दिल ही खुश हो जाता है लेकिन क्या हो अगर आपसे कहा जाए कि आपकी किचन में जो मसाले खाने में इस्तेमाल हो रहे है उससे आपको कैंसर हो सकता है ?   

क्यों उड़ गए न होश ? क्या हो जब वो मसाले जो अपने चटपटे स्वाद से आपको दीवाना बना देते है वही बन जाए किसी दुर्घटना की वजह, नहीं समझें न, वाक़ई इसी तरह आज पूरा भारत भी चिंता में पड़ा है क्योकि हाल ही में भारत के पॉपुलर ब्रांड्स MDH और एवेरेस्ट को लेकर सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग से जो ख़बरें आई है न उन ख़बरों ने सभी के होश उड़ा के रख दिए है, आपको जानकर बड़ी हैरानी होगी की भारत के ब्रांड्स MDH और एवेरेस्ट जो दुनिया भर में मशहूर है और भारत का नाम रोशन करते है उन्ही को यूज़ करने के खिलाफ सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग में दी जा रही हैं वार्निंग।

खैर मामला पूरा जानेंगे लेकिन इस कहानी की शुरुआत हम करते है MDH मसाले के शुरुआती सफर से,     

अक्सर आपने TV पर MDH का ad आते हुए तो जरूर ही देखा होगा जिसमे हमे एक बुजुर्ग दिखाई देते है, वो कोई और नहीं बल्कि महाशय धर्मपाल गुलाटी ही है , जिनका जन्म 27 मार्च 1923  को Sialkot, Pakistan में हुआ था, उनके पिता चुन्नी लाल गुलाटी मिर्च मसलों की दुकान चलाया करते थे, जिसका नाम महाशय दी हट्टी था, जो Deggi मिर्च वाले के नाम से भी मशहूर था, महाशय धर्मपाल गुलाटी का पढाई लिखाई में शुरू से ही मन नहीं लगा इसलिए उन्होंने 5 वि क्लास तक पढाई करने के बाद अपने पिता के साथ हाथ बटाना ही सही समझा।        

लेकिन इसके अलावा धर्मपाल जी ने कई और व्यापारों में भी हाथ आजमाने की कोशिश की लेकिन उन सभी में वो नाकाम रहे और हारकर उन्होंने अपने परिवार के व्यापार यानी मसालों के व्यापार को ही करना ठीक समझा लेकिन फिर दौर आया 1947 का जब देश का बटवारा हुआ, बटवारे के दौरान गुलाटी जी अपने परिवार के साथ पाकिस्तान से भारत आ गए, जहाँ वो दिल्ली के करोल बाग में आकर अपने परिवार के साथ बस गए, उस दौरान धर्मपाल जी के पास केवल 1500 रुपए थे।   

धर्मपाल जी ने इन पैसों से कुछ काम करने का फैसला लिया और 650 रुपए का तांगा खरीदा और उसे चलाने लगे, कुछ समय तक ऐसे ही छोटे मोटे काम करने के बाद उन्होंने मसालों का काम फिर शुरू किया और जैसे जैसे लोगों को पता चलता गया कि सियालकोट के देगी मिर्च वाले अब दिल्ली में आ गए है तो फिर क्या था धर्मपाल जी की मेहनत भी सफल होना शुरू हो गई और उनका कारोबार बढ़ने लगा।  

फिर समय आता है 1959 का जब धर्मपाल जी ने  राजधानी दिल्ली के कीर्ति नगर में मसालों  की सबसे पहली फैक्ट्री शुरू की और इस तरह”महाशय दी हट्टी” को MDH मसालों का नाम दिया गया और आज MDH मसालो के ब्रांड्स में कितना पॉपुलर है शायद ये बताने की कोई जरुरत नहीं है, आज भी बच्चे बच्चे को असली मसाले सच सच MDH MDH …. की ये लाइन  अच्छे से याद है , महाशय द्वारपाल गुलाटी जी ने अपने कारोबार के लिए जो मेहनत की है वो वाक़ई सराहनीय है।  

भारत की राजधानी के एक आम से इलाके में शुरू हुई एक छोटी सी दुकान का इतनी बड़ी कंपनी बनने तक का ये सफर कोई आसान नहीं था, आज MDH मसालों की दीवानगी ना केवल भारत में है बल्कि MDH तो दुनिया के 100 से भी ज्यादा देशों में अपने प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करता है साथ ही इसके ऑफिस भारत में ही नहीं बल्कि दुबई और लंदन जैसे जगहों पर भी मौजूद है , आपको गल्फ कंट्री में भी mdh के मसाले मिल जाएंगे इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया , न्यूज़ीलैंड और साउथ अफ्रीका जैसे बड़े बड़े देशों में भी MDH मसालों का यूज़ किया जाता है। 

अगर बात करे overall मसाला बिज़नेस सेगमेंट की तो इस मामले में MDH भारत का दूसरा सबसे बड़ा प्लेयर है, जी हाँ MDH 12 परसेंट market share के साथ एवरेस्ट के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा मसालों का ब्रांड है, भारत में mdh का मार्किट शेयर 70 परसेंट से ज्यादा है और 60 से ज्यादा प्रोडक्ट्स मार्किट में अवेलेबल है जिसमे सबसे बिकने वाले पॉपुलर चाट मसाला , चना मसाला और देगी मिर्च है।      

पर बड़े ही अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है कि MDH नाम के ब्रांड को दुनिया भर में मशहूर करने वाले धर्मपाल गुलाटी जी आज हमारे बीच नहीं है, 3 December 2020 को 97 साल कि उम्र में ये शख्सियत इस दुनिया को अलविदा कहकर चली गई, जिसके बाद आज इस कंपनी के CEO इनके बेटे Rajeev Gulati जी है।   

ये कहानी थी भारत के मशहूर मसाले MDH की चलिए लगे हाथ एवरेस्ट पर भी नजर घुमा लेते है जो भारत का सबसे बड़ा नंबर 1 पर आने वाला मसालों का ब्रांड है ।

भई बात अगर एवेरेस्ट ब्रांड की हो तो आज भले ही कंपनी पर उंगलिया उठ रही है लेकिन एक मोहल्ले की गली में एक छोटी सी दुकान से करोड़ों का ब्रांड बनने का सफर यूँही नहीं रहा, इस कहानी के नायक है Vadilal Shah , गुजरात के जामनगर में जन्मे वाडीलाल शाह जो अपने पिता की मसालों की दूकान पर काम करते थे, इस दौरान उन्होंने क्या देखा की महिलाएं मसाले खरीदते समय ख़ास कॉम्बिनेशन का ध्यान नहीं रखती है और इसी कमी को देखते हुए उन्होंने सही क्वांटिटी में मसालों का कॉम्बिनेशन तैयार करके और उसे पैक करके बेचने का फैसला लिया और इसी के साथ एवेरेस्ट की शुरुआत हुई।  

1967 में वाडीलाल ने (Everest Spices)  नाम से अपनी कंपनी शुरू कर दी, जहाँ वो खुद बैठ कर मसाले तैयार किया करते थे और सबसे पहले उन्होंने केसरी मिल्क मसाला तैयार किया और अपने पिता की दुकान पर बेचना शुरू किया और धीरे धीरे और मसाले भी तैयार करने शुरू किए लेकिन बस चिंता इस बात की थी कि उनके मसाले केवल उनके पिता की शॉप पर ही बिकते थे यानी प्रोडक्ट तो बन चुका था लेकिन सप्लाई में परेशानी हो रही थी जिसके बाद उन्होंने अपने मसलों के साथ अलग अलग शहरों में घूमना शुरू किया और अपने मसलों के बारे में लोगो को बताया।    

इस तरह दूसरे शहरों में उनका मसाला फलने फूलने लगा 1982 तक मसालों की अच्छी खासी डिमांड होने लगी जिसको पूरा करने के लिए उन्होंने मुंबई के विखरोली में अपनी पहली फैक्ट्री लगाई, जिसके बाद डीलर्स और सप्लायर्स की मदद से उन्होंने पूरे देश में अपने मसालों को पहुंचाया , उनकी मेहनत रंग लायी और उनके मसाले पसंद किये जाने लगे।   

आज ये ब्रांड भारत के मसालों में नंबर 1 का ख़िताब हासिल किया हुआ है और हमारे भारत की शान बना हुआ है, MDH और एवरेस्ट दोनों ही ब्रांड के मसाले देश के अलावा विदेशों में खूब पसंद किए जाते है, वैसे इस बात में कोई शक नहीं है कि भारत तो शुरू से ही अपने मसालों के लिए दुनिया भर में मशहूर रहा है और आज भी भारत दुनिया का सबसे बड़ा मसाला प्रोड्यूसर,कंज़्यूमर और एक्सपोर्टर है, एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 -23 में देश ने करीब 32 हजार करोड़ रूपए का मसाला एक्सपोर्ट किया था लेकिन आज भारत की शान पर उँगलियाँ उठ रही है।     

जैसा की हमने शुरू में आपको बताया था की आज सिंगापुर और हांगकांग की फ़ूड एजेंसियां अपने लोगों को MDH और एवरेस्ट ब्रांड के प्रोडक्ट्स को यूज़ करने के खिलाफ वार्निंग दे रही है। आज भारत के मसालों के टॉप ब्रांड्स विवादों में घिर चुके है, हांगकांग और सिंगापुर ने इन दोनों मसाला brands के कुछ प्रोडक्ट्स को बेचने पर रोक लगा दी है।      

असल में हांगकांग और सिंगापुर के फ़ूड सेफ्टी डिपार्टमेंट का कहना है कि इन कंपनियों के कुछ मसालों में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड ethylene oxide पाया गया है जो जरुरत से ज्यादा है, यहाँ हम आपको इस केमिकल के बारे में भी जानकारी दे देते है, आपको बता दे एथिलीन ऑक्साइड एक कीटनाशक है जिसका इस्तेमाल खेती में कीटों को मारने के लिए किया जाता है इसके अलावा ये sterilizing agent के रुप में भी काम करता है, इस कैमिकल का काम मेडिकल इक्विपमेंट्स को sterilize करने का होता है, वहीं खाने पीने की चीजों के लिए तो इसे बैन भी किया हुआ है, हालांकि मसालो में इसका इस्तेमाल limited quantity में किया जा सकता है, ये कैमिकल मसालों में इसलिए यूज़ किया जाता है ताकि मसाले जल्दी खराब न हो।  

जैसा की हमने आपको बताया की इसका यूज़ कीटनाशक के लिए किया जाता है इसलिए सिंगापुर में इसे कीटनाशक की केटेगरी में ही रखा जाता है और इसे खाया नहीं जाता और अगर एथिलीन ऑक्साइड को जरुरत से ज्यादा खा लिया जाए तो ये बेहद खतरनाक होता है और the International Agency for Research on Cancer (IARC)  के अनुसार इससे कैंसर भी हो सकता है।    

बता दें इसके संपर्क में आने से lymphoid cancer और महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, अगर इसका यूज़ लम्बे समय तक किया जाए तो इससे आँखों , गले , स्किन और फेफड़ों में जलन जैसे परेशानी हो सकती है, वहीं अमेरिकी कैंसर इंस्टिट्यूट के अकॉर्डिंग इसके यूज़ से Lymphoma और Leukemia जैसी बीमारी भी हो सकती है।   

खैर यहाँ हम आपको बता दें सिंगापुर और hongkong में इन दो ब्रांड के चार मसालों पर रोक लगाई है जरा ध्यान दीजियेगा इन प्रोडक्ट्स में MDH मद्रास करी मसाला , MDH मिक्स्ड मसाला और सांभर मसाला और एवेरेस्ट का फिश करी मसाला, आप इन मसालों को नोट कर लीजिये शायद हो सकता है आप भी इन मसालों का यूज़ करते हो।    

खैर सिंगापुर और हांगकांग के इन आरोपो से भारत भी तुरंत हरकत में है और भारतीय मसाला बोर्ड इन चार मसालों पर लगाई गई रोक पर जाँच कर रहा है, फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया  (FSSAI) भी एक्शन मोड में है, एक रिपोर्ट के अनुसार फ़ूड अथॉरिटी ने जाँच के लिए MDH और एवरेस्ट के साथ पाउडर के रूप में सभी ब्रैंड के मसालों का सेम्पल लेना शुरू कर दिया है।    

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