Unbelievable Facts of the Space | अंतरिक्ष की चौका देने वाली 10 बाते

Unbelievable Facts of the Space

          अंतरिक्ष रहस्यों से भरा पड़ा है और इस रहस्यमयी दुनिया के बारे में हर कोई जानने की इच्छा रखता है. दिन के समय आसमान का नीला रंग और रात को दिखाई देने वाले तारे और चंद्रमा सबका मन लुभा लेते हैं. मन करता है हम अभी उड़के अंतरिक्ष में पहुँच जाएँ, लेकिन फिलहाल हमारे लिए ऐसा पॉसिबल नहीं है। लेकिन जो पॉसिबल है आप वो कर सकते है, क्योंकि स्पेस यानी अंतरिक्ष के बारे में आज हम 10 अमेजिंग फैक्ट्स बताएंगे। 

1.अंतरिक्ष पूरी तरह से चुपचाप है

          ध्वनि तरंगो को travel करने के लिए किसी माध्यम की जरूरत होती है. जबकि अंतरिक्ष के खालीपन में वायुमंडल नहीं है, वहां तारों के बीच का क्षेत्र हमेशा silent रहता है. इसलिए दुनियां में वायुमंडल और हवा के दबाव से ध्वनि की तरंगे travel करती है जिसकी वजह से धरती और दूसरे planets पर हमेशा शोर रहता है.

2. ब्रह्मांड में तारों की संख्या को गिना नहीं जा सकता

          ब्रह्मांड में तारों की संख्या का अनुमान लगाना बेहद कठिन है. फिलहाल हमारी galaxy ‘Milky Way’ में तारों की संख्या का अनुमान लगाया जाता है और फिर उसे ब्रह्मांड में अनुमान लगाई गई galaxies की संख्या से  गुणा किया जाता है. इस पूरे गणित के बाद NASA पूरे विश्वास के साथ कहता है कि ब्रह्मांड में असंख्य अगणनीय तारे मौजूद है, मतलब इन्हें गिना जाना नामुमकिन है. एक Australian National University द्वारा की गई study में 70 sextillion तारों का अनुमान लगाया गया है. मतलब 70,000  मिलियन.

3. चाँद पर Apollo अंतरिक्ष यात्री के footprints शायद कम से कम 100 million सालों तक मौजूद रहेंगे

          चूँकि चाँद पर वायुमंडल नहीं है, वहां हवा और पानी भी नहीं है, इसलिए Apollo अंतरिक्ष यात्रियों के निशानों को चाँद से मिटाया या धोया नहीं जा सकता. इसका मतलब वहां उनके footprints, roverprints, spaceship prints और discarded materials लंबे समय तक मौजूद रहेंगे. ऐसा नहीं है कि वे हमेशा के लिए यहाँ मौजूद रहेंगे. चाँद का भी एक गतिशील वातावरण है. वहां निरंतर सूक्ष्म उल्कापिंडों की बौछार होती रहती है, इसका मतलब चाँद पर धीरे-धीरे कटाव चलता रहता है.

4. अगर एक ही धातु के दो टुकड़ों को अंतरिक्ष में touch करवाया जाए तो वो हमेशा के लिए एक दूसरे से जुड़ जाएंगे

          इस अद्भुत प्रभाव को cold welding कहते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि धातु के individual टुकड़ों के atoms को नहीं पता होता है कि वे धातु के अलग टुकड़े हैं, इसलिए वे एक दुसरे के साथ जुड़ जाते हैं. ऐसा धरती पर नहीं होता, क्योंकि यहाँ हवा और पानी टुकड़ों को अलग कर देते हैं.

5. शुक्र ग्रह का एक दिन पृथ्वी पर एक साल से लंबा होता है

          शुक्र ग्रह अपनी धुरी पर बहुत ही धीमी गति से घूमता है, जो एक पूरी cycle complete करने में पृथ्वी के करीब 243 दिन के बराबर समय लेता है . जबकि सूर्य के चारों और चक्कर लगाने में शुक्र ग्रह पृथ्वी के 226 दिन के बराबर समय लेता है, जो अपने आप में काफी मजेदार बात लगती है. और सूर्य प्रत्येक 117 पृथ्वी दिन के बाद उदय होता है, जिसका मतलब एक साल में सूर्य केवल 2 बार ही उदय होता है, जो तकनीकी तौर पर एक ही दिन में होता है. क्योंकि शुक्र भी clockwise घूमता है,  जहाँ सूर्य पश्चिम में उदय होगा और पूर्व में अस्त होगा.

6. बृहस्पति का रेड स्पॉट सिकुड़ रहा है

          पिछले कुछ दशकों से बृहस्पति का famous Red Spot सिकुड़ रहा है. पहले यह spot इतना विशाल कताई तूफान था कि इसमें तीन पृथ्वी समा सकती थी. लेकिन अब यह सिकुड़ कर इतना छोटा हो गया है कि इसमें केवल एक ही पृथ्वी समा सकती है. यहाँ एक दिलचस्प बात यह है कि चौड़ाई में यह तूफान सिकुड़ रहा है जबकि लम्बाई में बढ़ता जा रहा है. वैज्ञानिक अभी भी इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि आखिर ऐसा हो क्यों रहा है.

7. शुक्र पर तेज हवाएं चलती हैं

          शुक्र को नारकीय ग्रह भी कहा जाता है अर्थात नर्क के समान, क्योंकि इसकी सतह पर temperature बहुत ज्यादा है और उच्च दबाव वाला वातावरण है. 1970 के दशक में Soviet Union द्वारा भेजे गए 10 heavy shielded Venera अंतरिक्ष यान इसकी सतह पर कुछ ही मिनट के लिए टिक सके थे.

          लेकिन इसके सतह के ऊपर का वातावरण काफी अजीब है. वैज्ञानिकों ने पाया की इसकी ऊपरी हवा, ग्रह के घूमने की तुलना में 50 गुणा अधिक तेज है. यूरोपियन Venus Express spacecraft (जिसने 2006 से 2014 तक शुक्र की परिक्रमा की) ने लंबे समय तक हवा को track किया और इसमें होने वाले बदलावों का पता लगाया. साथ ही यह भी पता चला कि तूफानी ताकत वाली हवाएं समय के साथ और भी मजबूत होती जा रही हैं.

8. अंतरिक्ष में है शराब का बादल

          यह सुनकर शराबियों के चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी कि अंतरिक्ष में भी शराब का बादल है. अंतरिक्ष में Aquila नाम के एक तारा मंडल में Ethyl Alcohol का एक विशाल बादल मौजूद है. यह साधारण बादलों की तरह नहीं है. इसका आकार इतना बड़ा है कि हमारी कल्पना में भी फिट नहीं बैठेगा. यह बादल हमारे सौर मंडल से 1000 गुणा बड़ा है. इसकी दूरी पृथ्वी से लगभग 10 हजार प्रकाश वर्ष की है अर्थात यहाँ प्रकाश को भी पहुँचने में करीब 10 हजार साल लग जाएंगे.

9. अंतरिक्ष में एक ऐसा ग्रह मौजूद है जहाँ काँच की बारिश होती है

          यह सुनने में काफी डरावना लगता है लेकिन सच है. अंतरिक्ष में एक ऐसा ग्रह भी मौजूद है जहाँ काँच की वर्षा होती है. यह बिलकुल नर्क जैसा प्रतीत होता है जहाँ चारों तरफ काँच ही काँच गिर रहे होते हैं. HD 189733b से जाना जाने वाला यह ग्रह हमारी धरती से 63 प्रकाश वर्ष दूर है. यहाँ चलने वाली हवाओं की रफ्तार काफी तेज होती है जो 8700 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुँच सकती है. यह धरती पर चलने वाली हवाओं की रफ्तार से 20 गुणा ज्यादा तेज है.

          इस ग्रह पर होने वाली काँच की बारिश का कारण सिलिका से बना वायुमंडल है. सिलिका दिखने में एक काँच जैसा पदार्थ प्रतीत होता है. इस ग्रह के वायुमंडल में इस सिलिका के बादल बनते हैं और बरसने पर ये सिलिका ठंडा होकर काँच के रूप में गिरता है. इसकी रफ्तार गोली की रफ्तार से भी तेज होती है.

10. स्ट्रॉबेरी की तरह महकता है अंतरिक्ष

          जब भी हम अंतरिक्ष के बारे में सोचते हैं तो दिमाग में यही ख्याल आता है कि अंतरिक्ष में सब दिखाई कैसा देता है और आवाज कैसी आती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अंतरिक्ष में गंध कैसी आती है? वहां बदबू आती है या खुशबू? Space में कोई भी अंतरिक्ष यात्री अपना स्पेससूट नहीं उतारता है क्योंकि अगर वे ऐसा करेंगे तो वापस आने के लिए जिंदा नहीं बचेंगे. ऐसे में अंतरिक्ष की गंध को वहां कोई महसूस नहीं कर सकता. हमें अंतरिक्ष की गंध का पता केवल अंतरिक्ष यात्रियों के स्पेससूट और उनके औजारों से ही पता चल सकता है. इन्ही स्पेससूट की जाँच करके अंतरिक्ष की गंध का पता लगाया जाता है.

          Max Planck Institute के वैज्ञानिकों ने अपनी research से पता लगाया कि हमारी आकाश गंगा का केंद्र स्रटाबेरी की तरह महकता है. मतलब अंतरिक्ष की खुशबू बिलकुल किसी बैरी की तरह होती है. इसके पीछे की वजह आकाशगंगा के केंद्र में बनने वाली Ethyl Format है, जो बैरी के अंदर भी पाई जाती है।

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