Gyanvatsal Swami ji का जीवन परिचय | Great Indian Motivational Speaker

Biography of Gyanvatsal Swami ji in Hindi

                       क्या आप जानते है आज के समय में लोगो के दिलो दिमाग पर छाए हुए मोटिवेशनल स्पीकर कौन है , क्या वो सच में हर एक लोगो की परेशानियों को सुनकर उनका हल बताते है और किस तरह से उनको इतनी फेम हासिल हुई ? 

                       आज हम बात करने जा रहे है हिन्दू धर्म की BAPS इंस्टीटूशन के उस स्पीकर के बारे में जो न केवल सोशल रिफॉर्मर का काम किया करते है बल्कि ये खुद एक वालंटियर की तरह लोगो की मदद किया करते है और उनकी सभी परेशानियों का हल आसानी से बता दिया करते है। जी हाँ इनका नाम है श्री ज्ञानवत्सल स्वामी। जो आज के समय में लोगो के दिलो दिमाग पर कुछ इस कदर छाए हुए है की भइया क्या ही कहा जाये और भई छाए भी तो क्यों न  ,आखिर ,उनके काम और आइडियाज बेहद ही गजब के जो होते है जिनकी वजह से आसानी से हर मुसीबतो का हल लोगो को मिल जाता है। तो चलिए दोस्तों इनके बड़े बड़े कामो के बारे में जानने से पहले हम इनके शुरूआती जीवन के बारे में जानने की कोशिश करते है।  

                       आप जिनको ज्ञानवत्सल स्वामी के नाम से जानते है आपको बतादे इनका असली नाम रक्षित रावल है ,,इनका जन्म 12 नवंबर 1958 को गुजरात के आणंद जिले के वल्लभ विद्यानगर में हुआ था। ये अपने बचपन से ही काफी पूजा पाठ वाले व्यक्ति हुआ करते थे इनको मंदिरो में जाना काफी अच्छा लगता था इसलिए ये बचपन से ही अपने माता पिता के साथ स्वामी नारायण मंदिर में जाया करते थे। इनकी शुरूआती पढाई की बात करे तो इन्होने अपनी स्कूल की पढाई गुजरात के एक सरकारी स्कूल और फिर  बीवीएम विद्यानगर, एसपी यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की  । उसके बाद इन्होने बिरला विश्वकर्मा यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया ,,जिसमे इन्होने मैकेनिकल इंजीनियर की डिग्री हासिल की ।

                        ज्ञानोत्सव अपनी पढाई को लेकर काफी सीरियस रहते थे जिसकी वजह से घर वाले तो इनसे खुश रहा ही करते थे साथ ही इनके टीचर्स भी इनकी नॉलेज को काफी एप्रिशिएट किया करते थे। ये अपने समय के बेहद ही अच्छी नॉलेज वाले स्टूडेंट हुआ करते थे इनकी बुद्धि और तेज दिमाग की बात करे तो भई ये ग्रेजुएशन की डिग्री में 80 परसेंट के साथ पास हुए थे।  

                       शायद ही इनके बारे में लोगो को ये पता होगा की रक्षित रावल एक काबिल मोटिवेशनल स्पीकर बनने से पहले मैकेनिकल इंजीनिअर हुआ करते थे। तो चलिए जानते है हम आखिर इन्होने अपने पेशे को क्यों बदलना चाहा और किस तरह से इन्होने अपने संत जीवन की शुरुआत की लेकिन आगे बढ़ने से पहले मैं आपसे रिक्वेस्ट करूँगा अगर आपने हमारी वीडियो को लाइक नहीं किया है तो लाइक करदो यार और जरा हमे कमेंट करके बताये आखिर हमारे ज्ञानवत्सल स्वामी जी आपको कैसे लगते है। 

                       जैसा की आपको हमने बताया था की ज्ञानवत्सल स्वामी बचपन से ही अपने माता पिता के साथ स्वामी नारायण के मंदिर में जाया करते थे। जहां उन्हें काफी अच्छा और एक अलग तरह का सुकून मिलता था जिसकी वजह से इनका इंट्रेस्ट तब से ही मंदिरो के कामो में रहा करता था। तो ऐसे में अक्सर जब ये मदिंर जाया करते थे तो वहाँ के कई स्वामियों की नजर इन पर रहती थी और उन्हें भी ये लगने लगा था की ज्ञानवत्सल जी का इंट्रेस्ट यहाँ के लिए बढ़ता जा रहा है।  ऐसे ही एक बार ज्ञानवत्सल जी की मुलाकात मदिंर के प्रमुख स्वामी महाराज से हुई थी और जब इन्होने उनको देखा और उनकी बाते सुनी तब से ये उनके ज्ञान और बातो से काफी प्रभावित हो गए । 

                       प्रमुख स्वामी से ही प्रभावित होकर ज्ञानवत्सल जी ने उनको अपने गुरु के तरह मान्ना शुरू कर दिया ,, फिर ऐसे ही धीरे धीरे इन्होने प्रमुख स्वामी से ही संस्कारो के बारे में जानना शुरू कर दिया उनसे हर तरह की शिक्षा को लेने लगे और  ज्ञानवत्सल जी तो बचपन से ही दिमाग में काफी तेज और होशियार रहा करते थे इसलिए वो अपने गुरु जी की हर बात को आसानी से समझ जाते थे। जब इनको अपने जीवन का लक्ष्य साफ़ साफ़ नजर आने लगा तब इन्होने अपने जीवन का एक बड़ा फैसला लेने के लिए अपने आप को तैयार कर लिया। 

                       दरअसल इनका वो लक्ष्य संत जीवन की शुरुआत करना था और इनका बड़ा फैसला अपने घर को छोड़ देना था जिसको इन्होने पूरा किया और अपने संत जीवन की शुरुआत करने के लिए अपने घर को छोड़ दिया।  

                       अब ज्ञानवत्सल जी ने स्वामी जी से दीक्षा तो ले ही ली थी और अपने घर को भी अपने संत जीवन के लिए छोड़ दिया था ,,तभी से ये अपने गुरु जी के साथ एक साधू की तरह जीवन को जीने लगे थे। अब ज्ञानवत्सल जी पूरी तरह से एक संत की तरह सोचने और समझने लग गए थे और अपने हर काम को करने लगे थे इनका ख़ास काम समाज के सभी लोगो की सेवा करना और जरूरतमंद लोगो को सहारा देना और उनकी मदद करना हुआ करता था। 

                       इस तरह से एक आम जीवन जीने वाले रक्षित रावल एक वो व्यक्ति बन चुके थे जिन्होंने न जाने कितने लोगो को सही रास्ता दिखाया उनकी मुसीबतो में उनका साथ दिया ,, इनके प्रवचन से कई लोगो का मार्गदर्शन मिल चूका था और इसी वजह से लोगो के बीच इनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही थी और लोग इन्हे बेहद ही पसंद करने लगे थे। इनकी एक ख़ास बात ये है की इन्होने करीब 500 से भी ज्यादा आत्मकथाएं पढ़ी हुई है और उन्हें काफी अच्छे से समझा हुआ है यही नहीं ये हमेशा दूसरे लोगो को भी किताबे , आत्मकथाएं जैसे चीजे पढ़ने की सलाह दिया करते है।   

                       अगर हम अब की बात करे तो स्वामी ज्ञानवत्सल जी हमारे भारत देश के एक ऐसे महान और ज्ञानी मोटिवेशनल स्पीकर बन चुके है जिन्हे भारत के लोगो में बेहद ही ज्यादा लोकप्रियता हासिल हुई है और इन्हे काफी ज्यादा मान्यता भी दी जाती है। ये अक्सर टारगेट स्टूडेंट्स , माता पिता और सभी आम इंसानो को अपने स्पीचेस से  इस तरह से मोटीवेट करते है जिससे लोगो को अपनी परेशानी को पार करने का रास्ता मिल जाता है साथ ही यंग बच्चो को अपने टारगेट पुरे करने का हौसला भी मिलता है।    

                       इनके बीते समय में हुए सेमिनारों की बात करे तो भई वैसे तो इनके हर जगह पर कई सेमीनार होते रहते है जहा पर लोग अपनी सभी परेशानी का हल पाते है और जीने का सही रास्ता समझ पाते है ,, इसके अलावा हम कुछ ख़ास सेमीनार की बात करे तो स्वामी जी ने भारत के अलावा दुनिया भर के बड़े बड़े देशो में भी अपने प्रवचनों से लोगो के बीच अपनी एक ख़ास जगह बनायीं है। जिनमे से है अमेरिका (USA), ऑस्ट्रेलिया , यूरोप , कनाडा , और इंग्लॅण्ड जैसे कई बड़े बड़े देशो में भी अपने शानदार प्रवचनों वाले सेमीनार किये है। जहाँ के रहने वाले अच्छे खासे पड़े लिखे लोग भी इनसे जीवन जीने की सही राह जानने के लिए इनके सेमीनार को अटेंड किया करते थे।  

                       ज्ञानवत्सल जी हमेशा अलग अलग टॉपिक पर बात किया करते थे और इनकी स्पीचेस की ख़ास बात तो ये है की ये हमेशा अपने बुद्धि , ज्ञान से सही एडवाइस तो दिया ही करते है साथ ही साथ ये कई साइंस के भी एक्साम्प्लेस देते है क्योकि ये अपने संत जीवन की शुरुआत करने से पहले एक अच्छे और होनहार स्टूडेंट भी हुआ करते थे।  

                       अब आप इनके बारे में ये बात तो सोच ही रहे होंगे की आखिर स्वामी ज्ञानवत्सल जी अपने सेमीनार में किस किस तरह की सलाह दिया करते है ,, और इनकी स्पीच ज्यादातर किन बातो के लिए होती है , तो चलिए जानते है लेकिन उससे पहले अगर

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                       स्वामी ज्ञानवत्सल जी के पास तो ज्ञान का भण्डार है जिससे वो लोगो की हर परेशानियों को और उनकी सभी चिंताओं को दूर करना का हल चुटकियो में ही बता दिया करते है लेकिन अगर हम बात उनकी कुछ ख़ास स्पीच्स की जो वो अक्सर दिया करते है तो उनमे से कुछ है ,, मास्टर कीस , नैतिकता , करैक्टर ऑफ़ हैप्पी हाउस , लोगो को एप्रोच करना और वर्क- लाइफ बैलेंस जैसे कई टॉपिक्स पर अपने सेमीनार में चर्चा किया करते है।  

                       अब अगर आप भी इनके महान और एक दम ख़ास सेमीनार को देखना चाहते है तो आप भी इनके सेमीनार को अटेंड कर सकते है लेकिन अगर आप सोच रहे है की इनकी स्पीच्स ऑनलाइन ही सुनने को मिल जाए तो भइया मजा आजाएगा तो फ़िक्र नॉट ये ख्वाइश भी आपकी पूरी हो सकती है। आपको बतादे स्वामी ज्ञानवत्सल जी का एक ऑफिसियल चैनल है जिसका नाम अक्षर मंत्र है। इस चैनल पर जाकर आप आसानी से स्वामी जी के लेटेस्ट स्पीच को देखने के साथ सुन भी सकते है। यही नहीं उनकी लेटेस्ट स्पीच के अपडेट के बारे में जानने के लिए ,, फेसबुक पर और इंस्टाग्राम पर Gyanvatsal Swami profile के नाम से भी आपको पेज मिल जाएगा। इसके अलावा आप स्वामी ज्ञानवत्सल जी का स्पीच हिंदी लैंग्वेज में और गुजराती लैंग्वेज में भी सुन और देख सकते है। 

                       अब अगर हम इन महान मोटिवेशनल स्पीकर के फॉलोवर्स की बात करे तो ट्विटर पर इनके लगभग 2,082 फॉलोवर्स है ,, इसके अलावा इंस्टाग्राम पर लगभग  18.7 K फॉलोवर्स है और साथ ही यूट्यूब पर 83.3 K सब्सक्राइबर्स भी है। अब भई आपके मन में एक बात तो जरूर से खटक रही होगी की इतने बड़े मोटिवेशनल स्पीकर और बुद्धि , ज्ञान से भरपूर इन स्वामी जी की सैलरी कितनी होगी। तो चलिए जानते है ,, दोस्तों भारत के एक ख़ास संत और एक अच्छे सोशल वर्कर स्वामी ज्ञानवत्सल जी की सैलरी या फिर नेट वर्थ की बात करे तो ,, वो अपने इस महान काम का एक रुपया भी नहीं लिया करते है सबसे ख़ास और अच्छी बात तो इनकी ये लगती है की इनका कहना है की में एक साधु हु तो मुझे कोई भी रुपयों की जरुरत नहीं है। 

                       स्वामी जी कहते है की मुझे मेरी इंस्टीटूशन खाने के लिए और पहनने के लिए कपडे भी दिया करती है तो मुझे इन पेसो की कोई जरुरत नहीं है उनका कहना है की जिस व्यक्ति को जिस चीज की ज़रूरत होती है उसको ही वो चीज मिलनी चाहिए और मुझे पैसो की कोई भी जरूरत नहीं है। यानि की अगर हम साफ़ शब्दों में कहे तो भई स्वामी जी लोगो की भलाई के लिए और उनकी सुख समृद्धि के लिए ये नेक काम और सभी सोशल कामो को कर रहे है। वैसे दोस्तों आज के समय में देखा जाए तो इस तरह के नेक दिल इंसान देखने को कहाँ ही मिलते है जिस तरह के हमारा ज्ञानवत्सल स्वामी है ।  

                       वैसे तो इनके प्रवचन और टिप्स एक से बढ़कर एक है जिनको सुनकर लोग भइया धन्य हो जाते है लेकिन उनकी कुछ ख़ास बाते भी है जिनको सुनकर काफी सुकून मिलता है ,, जैसे की उनका कहना है की दुनिये में ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान नहीं ढूंढा जा सके हर परेशानी को पार करने के लिए उसके समाधान निकालने का TRY करते रहना चाहिए। उनका कहना है की भइया ऐसा कोई ताला नहीं जिसकी चाबी न बनी हो और ऐसी कोई परेशानी नहीं जिसका कोई हल न हो। स्वामी जी का कहना है की परिस्तिथियाँ भले ही किसी भी हो अगर हमारी सोच पॉजिटिव है तो रास्ता अपने आप ही चलकर आजाएगा।

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