History of indian notes | भारत के नोटों का शानदार इतिहास

History of indian notes

               आज कल हम उस दौर में आ चुके हैं, जहा सब कुछ पैसे की नीव पे टीका हुआ है। बरसो से पैसे का चलन चलते हैं आ रहा है। पहले अगर हमें कोई समान लेना होता था तो हम समान के बदले समान लेते थे, जब वो चलन बंद हुआ तो मुद्रा आई फिर सोने चांदी की मोहरे और फिर वक्त का पहिया इतनी तेजी से चला की आज हमारी फाइनेंस मिनिस्टर ने एलान कर दिया है की जल्दी ही डिजिटल करेंसी लॉन्च होने वाली है। समय समय पर भारतीय मुद्रा में बहुत से बदलाव आते रहे हैं।

               रूपए शब्द को हम रूपा शब्द से जोड़ सकते हैं जिस्का मतलब चांदी होता है। संस्कृत में रूप्य का मतलब चांदी का सिक्का होता है। पहले तो समान का लेन देंन समान से ही कीया जाता था । लगभाग आज से छब्बीस सौ साल पहले सिकको की शुरुआत हुई। इनका चलन काफी लम्बे समय तक चला। लगभग 1540 से 1545 के बीच शेर शाह सूरी ने चांदी के सिक्को को रुपये का नाम दे कर उस वक़्त के मार्किट में इंट्रोडयूज़ किया था। चांदी के सिकको ने मार्केट में अपनी जगह तकरीबन 17वी शताब्दी तक बनायी राखी।

               लेकिन जैसे ही भारत में अंग्रेजों की एंट्री हुई तो उन्होंने अपने ईसिनेस के लिए बैंकों को स्थापित किया और आखिरकार भारत के कोलकाता के बैंक ऑफ हिंदुस्तान ने 1770 में पहली नोट का आविष्कार किया। बता दे की इस मुद्रा ने पूरे 91 साल तक अपनी मौजूदगी को बरकरार रखा है। लेकिन 1861 में पेपर करेंसी एक्ट के लागू होने के बाद इस्का चलन अब अपने आखिरी मंजिल पर था। पेपर करेंसी एक्ट के अंडर अब नए नोट्स बनाये जा रहे थे जिसपे रानी विक्टोरिया की छोटी सी फोटो बानी हुयी थी। अबकी बार ये नोट 10 रुपये, 20, रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये और हजार रुपये के मूल्य में बटे हुए थे।

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               इस तरह पेपर करेंसी एक्ट के तहत आने वाली मुद्रा भारत की आधिकारिक मुद्रा के रूप में जाने जानी लगी है। लेकिन भारत में कई ऐसे छोटे बड़े राज्य भी थे जिन्होने मुद्रा को स्वीकार नहीं किया था। क्यों की ये मुद्राए अंग्रेजों की देन थी और अंग्रेजों का राज जहां पर नहीं था उन्ही जगहो पर ये मुद्रा अनएक्सेप्टबल थी। समय के साथ नोटो में कई बदलाओ पाए गए। कई राज्य अपनी अपनी मुद्रा भी चलाया करते थे जिन पर वो अपने भाषा का इस्तेमाल करते थे. 

               आप को बता दे की जब तक 1928 में महाराष्ट्र के नासिक में प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना नहीं हुई थी उसके पहले तक सभी मुद्राये इंग्लैंड से बन कर आती थी। जब थोड़ा और समय बीता तो भारत मे 1935 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की भी स्थापना की गई और फिर 1938 में रिजर्व बैंक को ही भारत के नोटो के प्रोडक्शन की जिम्मेदारी सौप दी गई थी।

               आप जान कर हेयरन हो जाएंगे की उस दौर में दस हजार की नोट का चलन भी शुरू हुआ था लेकिन वो ज्यादा चल नहीं पाया। और भारत के आजादी के साथ वो बंद हो गया। आरबीआई के द्वारा सबसे पहले पाच रुपये का नोट जारी किया गया था जिसपे किंग जॉर्ज सिक्स की फोटो बनी हुई थी।

               अब बात करे अगर आजाद भारत के नोटो की तो आधुनिक भारत ने अपने मुद्रा को भी आधुनिक किया जिसमे 1 रुपये की नोट में किंग जॉर्ज सिक्स की जगह अशोक स्तम्भ ने ले ली। इसके अलावा सन 1959 में सरकार ने हज यात्रियों के लिए 10 रुपये के और सौ रुपय की खास मुद्रा निकाली जिनसे वो सऊदी की करेंसी से आसानी से एक्सचेंज हो जाए।

               उसके बाद बारी आती है 1969 की जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 5 और 10 रुपये की नोट पर महात्मा गांधी जन्मशती स्मारक डिजाइन की श्रृंखला तैयार की। आप जान कर हेयरन हो जाएंगे की 10 रुपये वाली ये नोट जिस पर चलती हुई नाव बनी थी वो 40 साल से भी ज्यादा वक्त तक मार्केट में टीकी रही। इस वक्त के नोटो पर आप ने गांधी जी की हस्ती हुई फोटो तो देखी होगी जिस पर खूब ढेर सारे मेम भी वायरल हुये है।

               बहुत से लोगो का ये कहना है की ये फोटो कार्टून है लेकिन आप को बता दे की ऐसा नहीं है बल्की वो गांधी जी की असली फोटो है। दरसल हुआ ये था की 1946 में एक फोटोग्राफर ने महात्मा गांधी की ये फोटो अपने कैमरे से खिच ली थी। तबी से फोटो को क्रॉप कर के हर जगह इस्तेमाल किया जाने लगा। आप स्क्रीन पर इनकी पूरी फोटो देख सकते हैं। ये तस्वीर एक बड़े राजनेता और महान ब्रिटेन के महिला मतााधिकार के और ग्रेट ब्रिटेन के नेता थे।

               महात्मा गांधी की फोटो पहली बार 1996 में 10 रुपये के नोट पर छपी थी जिसमे नोट की एक तरफ गांधी जी और एक तरह भारत के जीव की तस्वीर थी जो यहा की जैविविधता को दिखता था। 1996 के जून महिने में ही 100 रुपये की नोट भी आरबीआई ने जारी की थी जिसके एक तरफ महात्मा गांधी की तस्वीर बनी थी और एक तरफ हिमालय पर्वत की तस्वीर बनी थी।

               इस्के बाद 1997 में बारी थी 50 रुपये की नोटो की जिस्के एक तरफ महात्मा गांधी थे और दुसरी तरफ भारत के संसद की फोटो छपी थी। 1997 मे अक्टूबर में आरबीआई ने 500 रुपये की नोट जारी की जिस्के एक तरफ महात्मा गांधी और दुसरी तरफ दांडी मार्च की फोटो बनी थी। सन 2000 में नवंबर माहिने में आरबीआई ने 1000 का नोट जारी किया जिस्के एक तरह महात्मा गांधी की तस्वीर और दुसरे तरफ भारत की अर्थवस्था को symbolize करती कुछ तस्वीरे बनी थी जिसमे कृषि क्षेत्र, तेल, विनिर्माण क्षेत्र, अंतरिक्ष उपग्रह, विज्ञान और अनुसंधान, धातुकर्म, खान और खनिज एवं कंप्यूटर पर काम करती लड़की की तस्वीर शामिल थी ।

               फ़िर बारी आती है 20 रुपये के नोटो की जो 2001 में जारी की गयी। जिसके एक तरफ हमेशा की तरह महात्मा गांधी की तस्वीर बनी थी और एक तरफ पोर्टब्लेयर के मेगापोड रिसॉर्ट से दिखाई देने वाले माउंट हैरिएट के खजूर के पेड़ और पोर्ट ब्लेयर लाइटहाउस की तस्वीर थी। सन 2000 के बाद कई बार नोटो में बदलाव हुए लेकिन उन नोटो पर से बापू नहीं हटाय गए।

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