Biggest Lies of the History | इतिहास के अब तक के सबसे बड़े झूठ

Biggest Lies of the history

                 दुनिया के 7 अजूबों के नाम तो हर कोई जानता है, पर मैं अगर ये कहु की उनमे से एक अजूबा, अजूबा कहलाने लायक नहीं है तो क्या आप विश्वास करेंगे? वैसे ये बात मैं बेबुनियादी नहीं बोल रहा हूं, इससे जुड़े आपको कई और फैक्ट भी सुनने को मिल जाएंगे, और सबसे बड़ी चिंता देने वाला फैक्ट तो ये है की मूनवॉक माइकल जैक्सन का मूव नहीं है, बाल्की इस मूव का ओरिजिन किसी और ने किया था? पर किसने ? और आखिर ये माइकल जैक्सन के नाम से कैसे फेमस हुआ? 

1.लोच नेस मॉन्स्टर  (झील राक्षस)

                 आप को एक मिथ बस्टर कहानी सुनाते हैं जो किसी और की नहीं बल्कि लोच नेस मॉन्स्टर की नकली फोटो स्टोरी है। जी हां इस मॉन्स्टर की फोटो को दिखा कर लोगों को हैरान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी और कई सारे लोग तो इस बात पर विश्वास भी कर बैठे थे की सालों पहले गायब हो चुका ये प्राणी अब वापस से तहलका मचाने आ गया है। ऐसे में लोच नेस को स्कॉटलैंड में देखे जाने की बात कही गई थी। इस तस्वीर को सब से पहले रॉबर्ट केनेथ विल्सन ने 1934 में लोगों के सामने रखा।

                 और करीब 60 सालो तक इनकी ली गई इस तस्वीर को सच्चा समझा जा रहा था। 1994 में ये बात लोगों के सामने आ गई की लोच नेस मॉन्स्टर का जो शेप (आकार ) उस तस्वीर में था वो कुछ और नहीं बल्कि एक टॉय सबमरीन थी जिसे पानी में इस तरह डाला गया था की वो इस प्राणी ( creature) की तरह दिखाई दे।

2.ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना (the great wall of china )7 अजूबों में से एक नहीं है।

                 जब आप दुनिया के अजूबों के बारे में सोचते होंगे तो आप के दिमाग में क्या आता होगा ताज महल, ग्रेट वॉल ऑफ चाइना पर हम आपको बता दें कि ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना में इतना भी कुछ महान नहीं है की स्पेस से दिखने लग जाए | क्यूंकि सच्चाई यही है की ये इतना बड़ा भी नहीं है कि इससे हमारे atmosphere के बाहर किसी भी जगह से देखा जा सके | फिर चाहे वो चाँद ही क्यों ना हो, जो हमारे सब से करीब है और ये बात खुद नासा ने साबित की है। भले ही ये 21,196 किमी लंबी हो लेकिन अगर हम इसकी चौड़ाई की बात करें तो ये नीचे से मात्र 20 फीट चौड़ी है और टॉप से ​​16 फीट चौड़ी है। हम आपको बता दे की ये अफवाह 1754 के आस पास शुरू हुई। ये हमारे चांद पर पहुंचने और स्पेस में सैटेलाइट भेजने से बहुत पहले की बात है। तो ये सिर्फ एक अफवाह ही है। भले ही यहां हर साल करोड़ो की संख्या में लोग आते हों पर ये स्पेस से दिखाई नहीं देती |

3.क्या Egypt के पिरामिड को मजदूरो ने बनाया?

                 अगर हम आप से पूछे की egypt में बना पिरामिड किसने बनाया था तो हमें पता है की आप यही जवाब देंगे की egypt में रहने वाले मजदूरो ने बड़ी मेहनत करके इस पिरामिड को तैयार किया था लेकिन हम आपके भ्रम को तोड़ते हुए यह कहना चाहते हैं कि  ये सच नहीं है। असल में इस पिरामिड को बनाने वाले ज्यादातर लोग मजदूर थे ही नहीं। जी हां इस पिरामिड को बनाने के लिए प्राचीन egypt की आबादी ने बढ़-चढ कर अपना योगदान दिया था। जहां करीब 85 सालो तक जिस में 2579- 2504 ईसा पूर्व का समय लगा और इतने समय के अंतराल में egypt के रहने वाले लोगों ने अपना खून पसीना देकर इस पिरामिड को तैयार किया था ताकि वो अपने नेशनल आइकन को खड़ा कर सकें |

                 ऐसे में जो लोग इतने बड़े-बड़े पत्थरो को नहीं उठा  सकते थे उन्होंने यहाँ काम करने वाले  लोगों के लिए खाना, रहने और बाकी चीजों का इंतजाम किया यानि की हर इंसान ने अपने स्तर का काम किया। जिस में कुछ लोग सुरक्षा के लिए काम करते हैं तो कुछ लोग भारी भरकम पथरों को इक्कठा करने के लिए दूर दराज के इलाकों में चले जाते थे । ऐसे में उनकी मेहनत रंग लायी और यह पिरामिड वाकई में दुनिया भर में जाना जाता है।

4.कार्बन डेटिंग

                 अब आप एक और सर को घुमा देने वाली बात सुनिए, आप लोगों ने कार्बन डेटिंग का नाम तो सुना ही होगा। ये एक ऐसा तरीका है जिसके जरिये atmosphere में कार्बन डाइऑक्साइड के चेंज होने पर चीजों की असली उम्र बतायी जा सकती है। ऐसा मुझे archaeologist कार्बन डेटिंग का इस्तमाल करके पता लगातें है की उनके द्वारा खोजी गई चीज कितनी पुरानी है और इसी वजह से हम भी आपको जितनी भी चीजों की जानकारी देते हैं उनकी उम्र कार्बन डेटिंग के हिसाब ही होती है और विलार्ड लिब्बी नाम के जिस प्रोफेसर ने कार्बन डेट्स का पता लगाया था  इस काम के लिए उन्हे नोबेल पुरस्कार भी मिला था।

                 लेकिन दिल थाम लिजिये क्योंकी हम आपको बता दे की कार्बन डेटिंग के जरिये  चीज़ों की असली उम्र पता लगाना बहुत मुश्किल है और  ऐसा इस लिए क्योंकि हर जगह का atmosphere अलग अलग तरह से चेंज होता है। हालांकि कुछ हद तक चीज़े सही जा सकती है। लेकिन आप ये सोचिए की दो पौधे हैं जिनमें से एक अमेरिका में हो और एक ग्रीनलैंड में तो जाहिर सी बात है की तापमान में अंतर की वजह से दोनो की growth में अंतर आएगा और कुछ ऐसा ही हाल है कार्बन डेटिंग का भी।

5.मूनवॉक नहीं था माइकल जैक्सन का मूव।

                 आपके सब से पसंदीदा माइकल जैक्सन की बात करते हैं क्योंकि इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है कि माइकल जैक्सन ने पॉप म्यूजिक में एक अलग ही मुकाम हासिल किया था। वो एक सिंगर के साथ साथ एक बेहतरीन डांसर भी थे और इनके डांस मूव्स तोह और  भी माशाअल्लाह थे | ऐसे में उनका मून वॉक करने का जो स्टाइल था वो लोगों में बहुत  ही फेमस था। पर अफ़सोस आपको ये जानकर हैरानी होगी की इस मून वॉक को माइकल जैक्सन ने आविष्कार नहीं किया था। हालांकि उन्होने इसे सब से पहले 1983 में प्रदर्शन किया था।

                 पर असल में माइकल जैक्सन ने ये मून वॉक कैस्पर कैंडिडेट और कूली जैक्सन से सीखा था जिन्होनें 1970 में इसे परफॉर्म कर दिया था। वही मार्सेल मार्से ने भी इस मून वॉक को माइकल जैक्सन से पहले परफॉर्म किया था। और  इन सभी लोगों से पहले बिल बले ने भी इसे परफॉर्म किया था। ऐसे में यह  बताना मुश्किल है की इस मूनवॉक को किसने आविष्कार किया लेकिन वो शक़्स  माइकल जैक्सन तो बिलकुल नहीं है।

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