How United India Broke Up | अखंड BHARAT कैसे और क्यों टूटा?

How United India Broke Up

How United India Broke Up

             क्या आपको पता है हमारा भारत देश जो आज एक स्वतंत्र देश है एक ज़माने मे उसे अखंड भारत के नाम से जाना जाता था। जी हां हमारा ये देश जो आज भारत के नाम से जाना जाता है उसके कई खंड होने कि वजह से ही आज दुनिया में इतने देशो का निर्माण हुआ है।

             ऐसा क्यू और कैसे हुआ इन्ही सारे सवालों के बारे में हम इस वीडियो में आपको डिटेल में बताने वाले है कि हमारा अखंड भारत कैसे टूटा। और इसके साथ ही बात करेंगे इन 7 नये देशों के निर्माण कि –  अफगानिस्थान, पाकिस्तान , तिब्बत, भूटान, म्यांमार, नेपाल और श्रीलंका।

             हमारे देश का इतिहास शुरू होता है इंडस वैली सिविलाइजेशन से। ये तो आप सभी जानते होंगे कि इस पृथ्वी पर सबसे पहला जो इंसानी रूप था उन्हें हम आदिवासि के नाम से जानते हैं या यु कहे कि वो हमारे पूर्वज ही थे जिन्होंने मध्य प्रदेश के हाथनोरा गांव में एक इतिहास लिखने कि शुरुआत कि।

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             फिर धीरे धीरे इनके  वंसज बढ़ते गए  और उसके साथ ही बढ़ती गयीं उनकी जरूरतें। और इसी के चलते एक सोसाइटी फॉर्म हुई जिसे हम. Stone aged man के नाम से जानते हैं । समय के साथ साथ  कई जगहों तक इनका विस्तार होता गया जिसके  बाद  बदलते वक़्त के साथ इंसान और भी ज़्यादा इवोल्व हुआ यानि कि civilised हुआ।और ऐसे ही  शुरू होता है Indus valley civilization।

             जी हा ऐसी civilization जो आधे से कम भारत में फैलती गयी जहा अब तक कोई भी देश नहीं बना था वही इस सिविलाइजेशन  कि वजह से अखंड भारत के लकीरों में पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान और गुजरात कि कुछ ज़मीने शामिल हो गयी। इसके बाद climatic और geographical चेंजस कि वजह से ये सिविलाइजेशन माइग्रेट हो गयी जिसकी वजह से फिर से सारी ज़मीने खाली हो गयी। और बचा हमारा देश हमारा भारत।

             1857 से 1947 तक हिंदुस्तान के कई टुकड़े हुए  जिसकी वजह से बन गए सात नए देश। 1947 में बना पाकिस्तान भारतवर्ष का पिछले 2500 सालों में एक तरह से 24वां विभाजन था। पाकिस्तान व बांग्लादेश निर्माण का इतिहास सभी जानते हैं। पर बाकी देशों के इतिहास की चर्चा नहीं होती।

             अखंड भारत की सीमा में अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, तिब्बत, भूटान, बांग्लादेश, बर्मा, इंडोनेशिया, कंबोडिया, वियतनाम, मलेशिया, जावा, सुमात्रा, मालदीव और अन्य कई छोटे-बड़े क्षेत्र हुआ करते थे। हालांकि सभी क्षेत्र के राजा अलग अलग होते थे लेकिन कहलाते थे सभी भारतीय जनपद ही थे।

             आज हमारे देश को अखंड भारत इसलिये कहा जाता है क्योंकि अब यह खंड खंड हो गया है। आज जिसे हम भारत कहते हैं, दरअसल उसका नाम हिन्दुस्तान है। हकीकत में अंखड भारत की सीमाएं विश्व में बहुत दूर दूर तक फैली हुई थीं।

             क्या आपको पता है वर्ष1800 से पहले दुनिया के देशों की सूची में भारत के चारों ओर जो भी आज देश हैं उस समय ये देश थे ही नहीं। यहां राजाओं का शासन था। और सारी मान्यता और परंपरा भारत जैसी ही थी । खान-पान, भाषा-बोली, वेशभूषा, संगीत, पूजापाठ, के तरीके लगभग हमारे भारत से मिलते जुलते ही थे। पर इसके बाद जब जैसे ही हमारा देश विदेशियों के संपर्क में आया उसके बाद से ही यहां की संस्कृति बदलने लगी।

             और अब यहाँ से शुरू होता है अखंड bharat का इतिहास।सबसे पहले शुरू हुआ था महाजनपदस और हरयाणका empire जिनका सबसे ज्यादा योगदान था bharat को अखंड bharat बनने में। तो आइये अब बात करते हैं अखंड भारत से बने उन सात देशों के बारे में। 

1 – अफगानिस्तान

             गंधार और कंबोज के कुछ हिस्सों को मिलाकर अफगानिस्तान बना।उस समय पूरे क्षेत्र में हिन्दूशाही और पारसी राजवंशों का शासन रहा। बाद में यहां बौद्ध धर्म का विस्तार हुआ और यहां के राजा बौद्ध हो गए। और सिकंदर के आक्रमण के समय यहां पर फारसी और यूनानियों का शासन हो गया।

             1834 में एक प्रक्रिया के तहत 26 मई 1876 को रूसी व ब्रिटिश  के बीच गंडामक संधि स्थापित हुई और अफगानिस्तान नाम से एक बफर स्टेट यानि राजनीतिक देश को दोनों ताकतों के बीच स्थापित किया गया। इसके बाद से ही अफगानिस्तान पठान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से अलग हो गए।  और अंततः 18 अगस्त 1919 को अफगानिस्तान को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली। और यह एक स्वतंत्र देश के रूप में जाना गया।

2 – पाकिस्तान

             712 ईस्वी में इराकी शासक अल हज्जाज के भतीजे  मुहम्मद बिन कासिम ने 17 वर्ष की आयु में सिन्ध और बलूच पर कई अभियानों का सफल नेतृत्व किया। 15वें आक्रमण का नेतृत्व मोहम्मद बिन कासिम ने किया। इस आक्रमण के दौरान सिन्ध के हिन्दू राजा राजा दाहिर  और उनकी पत्नियों और पुत्रीयों ने अपनी मातृभूमि और सम्मान की रक्षा के लिए अपने प्राण त्याग कर शहीद हो गए।

             इसके बाद 1947 में भारत के खंडित होने के साथ पाकिस्तान का भी जन्म हुआ। उस समय पाकिस्तान में बांग्लादेश भी शामिल था । इसके बाद सन् 1971 में भारत के साथ हुए युद्ध में पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्र हो गया।

3 – भूटान :

             भूटान भी कभी भारतीय महाजनपदों के सीमा में ही एक जनपद था। जहां वैदिक और बौद्ध मान्यताओं के मिले-जुले समाज हैं। सिक्किम और भूटान को भी अंग्रेजों ने 1906 में स्वतंत्रता संग्राम से अलग कर दिया और वहां पर अपना राज स्थापित कर दिया था।

             इसके बाद 1947 में जब भारत आजाद हुआ और 1949 में भारत-भूटान समझौता के दौरान भारत ने भूटान की वो सारी जमीन उसे लौटा दी, जो अंग्रेजों के अधीन थी। और यहाँ से एक नया देश भूटान स्वतंत्र रूप से स्थापित हो गया। इसी समझौते के चलते भारत ने भूटान को हर तरह की रक्षा और सामाजिक सुरक्षा का वचन भी दिया।

4 – तिब्बत

             तिब्बत को त्रिविष्टप कहा जाता था जहां रिशिका  और तुशारा  राज्य थे। तिब्बत में पहले हिन्दू फिर बाद में बौद्ध धर्म प्रचारित हुआ और यह बौद्धों का प्रमुख केंद्र बन गया। फिर चीन और ब्रिटिश इंडिया के बीच 1907 में एक बैठक हुई और इसे दो भागों में बाँट  दिया। पहला भाग चीन के पास गया और दूसरा भाग लामा के पास रहा। और फिर 1951 की संधि के according यह  चीनी government के द्वारा  एक स्वतंत्र राज्य घोषित कर दिया गया।

5 – म्यांमार 

             म्यांमार कभी ब्रह्मदेश हुआ करता था। इसे बर्मा भी कहते हैं। म्यांमार पहले के समय से ही भारत का ही एक हिस्सा रहा है। अशोक के काल में म्यांमार बौद्ध धर्म और संस्कृति का  केंद्र बन गया था । फिर मुस्लिम काल में म्यांमार  भारत से कटा रहा और इसी समय इसे पोलिटिकल व्यू से अलग राज्य देखा गया।

             समुद्र में अपना नौसैनिक बेड़ा बैठाने,  उसके समर्थन में  कई राज्यों को शामिल करने और स्वतंत्रता संग्राम से उन भागो और समाजों को अलग करने के लिए सन् 1937 में म्यांमार को अलग राजनीतिक देश की मान्यता दे दी गयी 

6 – श्रीलंका 

             श्रीलंका’ भारतीय टेरिटरी के दक्षिण में हिन्द महासागर में स्थित एक बड़ा द्वीप है। यह भारत के चोल और पाण्ड्य जनपद के अंडर आता था। श्रीलंका के आदिम निवासी और दक्षिण भारत के आदिमानव एक ही थे।

             श्रीलंका पर पहले पुर्तगालियों, फिर डच लोगों ने अधिकार करके अपना शासन किया और फिर 1800 ईस्वी के शुरुआत में अंग्रेजों ने इस पर अपना अधिकार जमाना शुरू किया और 1818 में इसे अपने पूरे अधिकार में ले लिया। इतने सब के बाद दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 4 फरवरी 1948 को श्रीलंका को सही मायने में स्वतंत्रता मिली। और यह एक अलग देश बना।

7 – नेपाल

             नेपाल को देवघर कहा जाता है। यह भी कभी अखंड भारत का हिस्सा हुआ करता था।  नेपाल के जनकपुर में सीता जन्म स्थल पर सीता माता का विशाल मंदिर भी बना हुआ है।भारत में हुई 1857 की क्रांति में विद्रोहियों के खिलाफ नेपाल ने अंग्रेजों का साथ दिया था इसलिए उसकी स्वतंत्रता पर कभी आंच नहीं आई।

             जिसके कारण 1923 में ब्रिटेन और नेपाल के बीच एक संधि हुई और नेपाल को एक स्वतंत्र देश घोषित कर दिया गया। तो ये थी भारत वर्ष के खंड-खंड होने की कहानी। हालांकि यह एक अधूरी आजादी मानी जाती है जिसके बाद  आज भी विभाजन जारी है।

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