Growing Muslim population in India | भारत में बढ़ती मुस्लिमो की आबादी

Growing Muslim population in India

40 साल बाद सर्वाधिक मुस्लिम आबादी वाला देश होगा ‘भारत’, लगातार बढ़ रही जनसंख्या 21.9 करोड़ मुस्लिम आबादी के साथ अभी इंडोनेशिया पहले पायदान पर है। 19.4 करोड़ आबादी के साथ भारत दूसरे स्थान पर है।

                ये तो हम सब जानते है की हिंदू धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म है, और हिंदू धर्म ही वह इकलौता धर्म है जिसके लिखित सुबूत सबसे पुख्ता और पुराने है जिसे कोई नकार नहीं सकता पर क्या हो अगर हम आपके कहे की भारत से भले ही लोग हिंदुत्व न मिटा पाए पर शायद हिंदुओ को मिटा दे, आज नही, कल नही, 1 साल बाद नही, 10 साल बाद नही, पर शायद 40 साल में ऐसा हो जाए।

                प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक 40 साल बाद भारत नंबर एक पर आ जाएगा।अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक चालीस साल बाद भारत सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश बन जाएगा। 2060 में भारत की मुस्लिम आबादी 33 करोड़ हो जाएगी, जो वर्तमान में अभी 19.4 करोड़ है। यानी दुनिया की कुल मुस्लिम आबादी में भारत का योगदान 11 फीसद होगा। वहीं पाकिस्तान 28.36 करोड़ मुस्लिम आबादी के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच जाएगा।

                2060 तक पाकिस्तान की कुल आबादी में 96.5 फीसद आबादी मुस्लिम होगी, जबकि दुनिया की कुल मुस्लिम आबादी में पाकिस्तान का योगदान 9.5 फीसद होगा। नाइजीरिया की मुस्लिम आबादी 28.31 करोड़ होगी और मुस्लिम आबादी वाले देशों की सूची में यह तीसरे स्थान पर आ जाएगा। वहीं इस सूची में चौथे स्थान पर इंडोनेशिया होगा जिसकी मुस्लिम आबादी 25.34 करोड़ होगी।

वर्तमान में स्थिति

                अभी सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया है, जहां 22 करोड़ (2015 के आंकड़ों पर आधारित) मुसलमान रहते हैं। इस सूची में दूसरे स्थान पर भारत (19.4 करोड़) और तीसरे स्थान पर पाकिस्तान (18.4 करोड़ ) है। वहीं चौथे स्थान पर बांग्लादेश और पांचवें स्थान पर नाइजीरिया है।

ऐतिहासिक केंद्रों से दूर जाता इस्लाम धर्म

                प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़े यह भी दिखाते हैं कि इस्लाम धर्म अपने पारंपरिक और ऐतिहासिक केंद्रों से कैसे दूर जा रहा है। दुनिया के पांच सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश या तो दक्षिण एशिया या दक्षिणपूर्व एशिया में हैं या अफ्रीका में। जबकि मध्य-पूर्व देश इस सूची में नजर नहीं आते हैं।

आएगी गिरावट

                वर्तमान में दुनिया के 10 सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देशों में मुसलमानों की संख्या में 2060 तक थोड़ी सी गिरावट आएगी।

कम हो जाएगा फर्क

                कुल मिलाकर, दुनिया में ईसाई आबादी 2.3 अरब है और मुस्लिम आबादी 1.8 अरब है। प्यू रिसर्च के अनुमान के मुताबिक 2060 तक यह फर्क कम हो जाएगा। 2060 तक दुनिया में 3 अरब ईसाई और करीब 3 अरब ही मुस्लिम आबादी होगी। इसकी एक वजह ये है कि ईसाइयों की तुलना में मुस्लिम आबादी युवा है और उनकी वृद्धि दर ज्यादा है। 

जनसंख्या में हिंदुओं को पीछे छोड़ सकते हैं मुस्लिम? 

विशेषज्ञों ने कहा- ऐसा 1 हजार साल तक भी संभव नहीं

  • जनसंख्या में हिंदुओं को पीछे छोड़ सकते हैं मुस्लिम? विशेषज्ञों ने कहा- ऐसा 1 हजार साल तक भी संभव नहीं
  • 2011 की जनगणना के अनुसार, हिंदू आबादी 79.80% और मुसलमान की आबादी 14.23% है
  • 2011 की जनगणना के अनुसार, हिंदू आबादी 79.80% और मुसलमान की आबादी 14.23% है

Hindu-Muslim Population

                अखिल भारतीय संत परिषद के हिमाचल प्रदेश प्रभारी यति सत्यदेवानंद सरस्वती ने हिंदुओं से भारत को इस्लामिक देश बनने से बचाने के लिए ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील की है. लेकिन जनसांख्यिकीय और अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि यति सत्यदेवानंद का यह दावा किसी भी गणितीय मॉडल द्वारा समर्थित नहीं है. विशेषज्ञों ने इस विचार को खारिज कर दिया कि भारत में मुसलमान जनसंख्या के मामले में हिंदुओं से आगे निकल सकते हैं. इसके लिए उन्होंने गणितीय और वैज्ञानिक विश्लेषण का हवाला दिया।

                अखिल भारतीय संत परिषद के हिमाचल प्रदेश प्रभारी यति सत्यदेवानंद सरस्वती ने हिंदुओं से भारत को इस्लामिक देश (Islamic State) बनने से बचाने के लिए ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील की है. जनसांख्यिकीय और अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि यति सत्यदेवानंद का यह दावा किसी भी गणितीय मॉडल द्वारा समर्थित नहीं है. विशेषज्ञों ने इस विचार को खारिज कर दिया कि भारत में मुसलमान जनसंख्या (Indian Muslim Population) के मामले में हिंदुओं से आगे निकल सकते हैं.

                यति सत्यदेवानंद, यति नरसिंहानंद के नेतृत्व वाले संगठन के प्रदेश प्रमुख हैं जो नफरती भाषण मामले में वर्तमान में जमानत पर हैं. सरस्वती ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है क्योंकि हिंदू बहुसंख्यक हैं, लेकिन मुस्लिम योजनाबद्ध तरीके से कई बच्चों को जन्म देकर अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं. उन्होंने पिछले हफ्ते हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के मुबारकपुर में संगठन की तीन दिवसीय ‘धर्म संसद’ के पहले दिन यह दावा किया था.

                सरस्वती ने कहा, ‘‘इसलिए, हमारे संगठन ने भारत को इस्लामिक देश बनने से बचाने के लिए हिंदुओं से अधिक बच्चों को जन्म देने के लिए कहा है.’’ ‘पीटीआई-भाषा’ ने जिन विशेषज्ञों से सम्पर्क किया उन्होंने इस दावे को खारिज कर दिया, जिसे राष्ट्रीय मीडिया में व्यापक रूप से प्रकाशित किया गया था.

                2011 की जनगणना के अनुसार, हिंदू आबादी 79.80 प्रतिशत यानी 96.62 करोड़, मुसलमान 14.23 प्रतिशत यानी 17.22 करोड़, ईसाई 2.30 प्रतिशत यानी 2.78 करोड़ और सिख 1.72 प्रतिशत यानी 2.08 करोड़ हैं. परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा करने वाली राष्ट्रीय समिति के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र कोठारी ने वैज्ञानिक विश्लेषण का हवाला देते हुए कहा कि अगली जनगणना में मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि दर कम हो जाएगी.

                जनसंख्या एवं विकास विशेषज्ञ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अगली जनगणना में, हिंदू आबादी 2011 की जनगणना के लिहाज से 79.80 प्रतिशत की तुलना में मामूली वृद्धि करते हुए लगभग 80.3 प्रतिशत हो जाएगी. मुस्लिम आबादी का हिस्सा या तो स्थिर हो जाएगा या नीचे चला जाएगा.’’

                उन्होंने कहा, ‘‘यदि हिंदू पूरी तरह से बच्चे पैदा करना बंद कर दें तब भी ऐसा होने वाला नहीं है, तो यह संभव नहीं है.’’ अपनी पुस्तक ‘‘द पॉपुलेशन मिथ: इस्लाम, फैमिली प्लानिंग एंड पॉलिटिक्स इन इंडिया’’ में, पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस वाई कुरैशी का कहना है कि भारत में मुसलमानों की आबादी हिंदुओं की आबादी से अधिक ‘‘कभी नहीं’’ हो सकती है. पुस्तक में इस पूर्वानुमान का समर्थन करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति दिनेश सिंह और प्रोफेसर अजय कुमार द्वारा दिये गणितीय मॉडल का उपयोग किया गया है।



admin

admin