Reason to Pull Out 2000 Notes | 2000 नोट क्यों बंद हुये जानिए सच्चाई

Reason to Pull Out 2000 Notes

क्या आप जानते हैं 2000 का नोट बंद होने का क्या कारण है? अगर 2000 का नोट बंद कर दिया जाए तो क्या वाकई देश को इससे फायदा होगा? या फिर आपको भी ऐसा लगता है कि दो हजार  के नोट को बंद करने के पीछे भी कोई Secret बात है? इन सभी सवालों के जवाब आपको मिलेंगे आज की हमारी इस में तो कहीं मत जाइए बने रहिए।

2000 का नोट बंद होने की खबर जैसे ही पब्लिश हुई कई लोगों ने इसे गवर्नमेंट का सीक्रेट एजेंडा बता दिया, लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है यह कोई नहीं जानता फिलहाल तो यह गवर्नमेंट का फैसला है जिस पर हमें अमल करना होगा यानी हमें सरकार का फैसला मानकर 2000 के नोट को रिप्लेस करना होगा वरना जो 2000 का नोट आज आपको बहुत सारा सामान दिलाता है वही 2000 का नोट आने वाले समय में एक कागज के टुकड़े से ज्यादा कुछ नहीं होगा।

वैसे जब 2000 का नोट मार्केट में आया था तो उसे देखकर लोग बहुत खुश हुए थे उसका कारण इसकी बनावट और सुंदरता थी इस गुलाबी नोट को देखकर आम आदमी भी अपने आप को किसी अमीर से कम नहीं समझते थे। मार्केट में आने के लिए इस गुलाबी नोट ने भी बहुत संघर्ष किया है इतनी आसानी से इसने लोगों की pocket में अपनी जगह नहीं बनाई, इसलिए एक नजर इसके इतिहास पर भी डाल लेनी चाहिए।

2000 के नोट का इतिहास

यह बात है 8 नवंबर की उस रात की जब Prime Minister Shri Narendra Modi ने 500 और 1000 के नोट को बंद करने की घोषणा यानी ऐलान कर दिया। अचानक से रात 12:00 बजे के बाद 500 और 1000 के नोट बंद होने की सूचना जब लोगों को मिली तो वह बौखला से गए और उनको यह समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें। पर फिर उन्हें जब पता चला कि उनके पास जो पुराने नोट है वो उन्हें बैंक में जाकर बदल सकते हैं।

अब  इसके पीछे का कारण ये था की नए नोट मार्केट में आ चुके थे इसलिए पुरानी नोट्स को नहीं चलाया जा सकता था। उस रोज अचानक से हुई इस नोट बंदी की वजह से ज्यादातर लोग मोदी सरकार से नाराज थे लेकिन वहीं कई लोग ऐसे भी थे जो उनके इस फैसले से खुश थे। खैर धीरे-धीरे चीजें सुधरने लगी और लोग नोटबंदी को एक किस्सा समझ कर भूल गए। पर आज सवाल यह उठता है कि पहले 500 और 1000 के नोट बंद करवाने से क्या फायदा हुआ जो अब 2000 का नोट बंद करवाया जा रहा है।

फिलहाल तो इसके बारे में कोई ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि अभी जो 2000 के नोट मार्केट में अवेलेबल है वह सितंबर तक ही वैलिड है लेकिन बता दें कि, गवर्नमेंट ने 2000 के नोट छापने 2019 के बाद से बंद कर दिया हैं, इसका मतलब यह है कि कहीं ना कहीं सरकार पहले से ही 2000 के नोट को बंद करने की तैयारी कर चुकी थी।

चलिए अब एक नजर इस बात पर भी डाल लेते हैं  कि, 2000 का नोट बंद करने से सच में कोई फायदा है या नहीं, पर इससे पहले अगर आपने हमारा वीडियो लाइक नहीं किया है तो फटाफट से कर दीजिए।

2000 के नोट के बंद होने के फायदे

वैसे देखा जाए तो मार्केट में आज 500 और 2000 के नोट सबसे ज्यादा दिखाई देते हैं और अगर हम 2000 के नोटों की कुल संख्या की बात करें तो अकॉर्डिंग टू द रिपोर्ट लगभग 85 परसेंट 2000 के नोट ही अवेलेबल होंगे, वैसे इस 85 परसेंट में 500 के नोट भी शामिल है, बाकी बचे हुए 15% नोट छोटे नोट है जो बेचारे अपने आप को किसी गरीब से कम नहीं समझते क्योंकि कोई भी इन्हें जल्दी लेना पसंद नहीं करता है।

और इस रेश्यो के हिसाब से परिणाम यह निकलता है कि इसका फायदा उठाता है पाकिस्तान, जी हां पाकिस्तान जो जाली नोट बनाकर डालता रहता है मतलब कि भारत भेजता रहता है और होता यूं है कि हर साल पाकिस्तान से 20 से 25 परसेंट जाली करेंसी आ जाती है उसे मार्केट में मिला दिया जाता है।

अब इसमें नुकसान पाकिस्तान का नहीं बल्कि हमारा है तो इसके लिए एक स्कीम बनाई जा रही है जिसमें यह सोचा गया है कि मार्केट से 2000 के नोट को जड़ से खत्म कर दिया जाएगा, ताकि ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी।

2000 के नोट को खत्म करने का एक कारण यह भी है कि देश में 70% लोग 50 ,10 और 20 रुपए के नोट ज्यादातर यूज करते हैं, उन्हें 2000 के नोट की जरूरत नहीं है तो जब हमें इतने बड़े नोट की जरूरत ही नहीं है तो उसे रखने का क्या फायदा? आज हमारी 70% जनरेशन छोटे नोटों का इस्तेमाल करती है तो उस हिसाब से हमें इस स्कीम को वेलकम करना चाहिए और दूसरी तरफ हमारा एक फायदा यह भी होगा कि पाकिस्तान से आने वाले जाली नोट यहां तक पहुंचेंगे ही नहीं फिर देखते हैं पाकिस्तान किस तरह से जालसाजी करके नकली नोट हमारे देश तक पहुंचा पाएगा।

अब आपके दिमाग के घोड़े दौड़ कर यह कह रहे होंगे कि अगर हमने 2000 का नोट बंद कर भी दिया तो क्या पाकिस्तान हमारे देश की करेंसी जैसे 500, 1000 के नॉट को नहीं छाप पाएगा? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वह ऐसा नहीं कर सकता, क्योंकि पाकिस्तान को हमारे यहां का पचास का नोट छापने के लिए भी ₹53 का खर्च करने पड़ते हैं तो वह अपना नुकसान क्यों करेगा भला?

एक और फायदा ये भी है कि 2000 का नोट बंद होने से जो मोटी रकम लोगों द्वारा रिश्वत के तौर पर मांगी जाती है वह कहीं ना कहीं बंद हो जाएगी, आप सभी जानते हैं कि ऊंचे ऊंचे पदों पर बैठे लोग अक्सर सामने वाले से मोटी रकम रिश्वत के तौर पर मानते हैं जिसमें ज्यादातर नोट ₹2000 के ही होते हैं, पर 2000 की नोट बंद होने पर देखे कौन माई का लाल 10 करोड़ या उससे ज्यादा की रिश्वत की मांग करेगा?

क्योंकि छोटे नोट होने की वजह से लोगों को ऐसी डिमांड करने में 10 बार सोचना पड़ेगा,, क्योंकि 2000 के ढेर सारे नोट आसानी से एक सूटकेस में आ सकते हैं लेकिन 50 और 10 के नोटों से अगर रिश्वत देनी पड़े तो पूरा ट्रक भरकर जाएगा और ऐसी बातें गवर्नमेंट और पुलिस से नहीं छुप सकती।

बड़े नोट बंद करने के और भी कई फायदे हैं जैसे कि भ्रष्टाचार कम हो जाएगा रिश्वतखोरी कम हो जाएगी किडनैपिंग कम हो जाएगी और तो और नकली करेंसी का खतरा भी खत्म हो जाएगा और बड़े नोटों की छपाई बंद हो जाएगी इस तरह से देखा जाए तो हमारी आधी से ज्यादा समस्याएं ही खत्म हो जाएगी।

तो हमारा देश अगर एक कदम आगे बढ़ा रहा है तो हम सबको मिलकर उसका साथ देना चाहिए क्योंकि दूसरी कंट्रीज ने तो इस स्कीम को बहुत पहले ही लागू कर दिया है, जी हां अमेरिका की बात करें तो उसने  $100 के ऊपर का नोट बना ही नहीं  है ,क्योंकि उसका ऐसा मानना है कि इससे करप्शन बढ़ेगा, इसीलिए करप्शन को रोकने के इरादे से अमेरिका बहुत पहले ही करेंसी के मामले में खुद को सतर्क कर चुका है।

वही अगर हम फ्रांस की बात करें तो फ्रांस में 100 euro चलता है उसके ऊपर की currency नहीं है तो आप देख सकते ही बड़ी बड़ी कंट्रीज भी इस स्कीम को फॉलो कर रही हैं, इन्होंने इस स्कीम को बहुत पहले ही समझ लिया था और अब बारी है हमारी।

तो इसी कारण आरबीआई ने 2000 के नोट को बंद करने का फैसला ले लिया है, इस तरह बस इस नोट का सफर यहीं तक था 30 सितंबर के बाद इन नोटों को लीगल नहीं माना जाएगा और ये बैन हो जायेगे।

तो इसको अलविदा कहने से पहले अगर आप सबके पास है 2000 के नोट तो एक बार उसे देखें ले। मेरा मतलब है बैंक में जाकर जमा कर दें या फिर उसे बदलवा लें। वैसे इस 2000 के नोट की भी अजब कहानी है। किसी के पास ये 2000 का नोट बहुत ज्यादा अमाउंट में है ,और किसी के पास है ही नही। अब सवाल यह उठता है कि जिन लोगों के पास यह 2000 के नोट दबे छुपे रखे हैं वह इसका क्या करें वह तो बहुत परेशान हो रहे होंगे।

तो आरबीआई का यह कहना है कि अगर किसी के पास 2000 के नोट हैं तो वह 23 मई से 30 सितंबर तक बैंक में उन्हे जमा करवा सकते हैं और अगर वह चाहे तो इसके बदले 500, 200 और 100 के नोट भी ले सकते हैं क्योंकि 30 मई के बाद यह नोट रद्दी के भाव बिकेगे।

इसके अलावा आरबीआई ने एक और रास्ता ढूंढ निकाला है वह यह कि आप इन नोटों को आरबीआई के बनाए हुए केंद्र पर भी एक्सचेंज करवा सकते हैं और आपको बता दें कि देशभर में आरबीआई की 19 रीजनल ऑफिसेज है जहां पर 23 मई से नोट को चेंज कराने का काम शुरू किया जाएगा।

अब दूसरी मोस्ट इंपोर्टेंट बात यह है कि इन नोटों की अमाउंट 20,000 होनी चाहिए यानी कि एक बार में कोई व्यक्ति 20,000 तक 2000 के नोट एक्सचेंज करवा सकता है और ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर किसी ने इन नोटों को भारी मात्रा में छुपा के रखा होगा तो उसे चेंज करने में थोड़ी परेशानी हो सकती है लेकिन आरबीआई ने इस चीज के लिए भी लोगों को समय दिया है समय रहते आप अपना यह काम पूरा करवा सकते हैं

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