History of Valentine Day | वैलेंटाइन डे का इतिहास

History of Valentine Day

History of Valentine Day

                दौर था 270 ई. का जब रोम के राजा क्लॉडियस ने एक saint कि सरेआम  हत्या कर दी। Saint का नाम था saint वैलेंटाइन। वही saint वैलेंटाइन जिन्के नाम पर आज पूरी दुनिया में वैलेंटाइन्स डे मनाया जाता है। अब तो आप जान ही गए होंगे की जो वैलेंटाइन्स  डे प्यार के लिए मनाय जाता है उसकी शुरुआत बहुत ही दुखद थी । लेकिन क्या आप जानते है की आखिर क्लॉडियस ने saint वेलेंटाइन की हत्या क्यों कर दी थी।

                आखिर संत वैलेंटाइन ने ऐसा क्या कर दिया था की उन्हे हत्या सौप दी गई। खैर आज हम इन सारे सवालों  के जवाब बताने वाले है और वैलेंटाइन की पूरी हिस्ट्री पर भी डिटेल में बात करेंगे

तो सबसे पहले बात करेंगे की आखिर Saint वैलेंटाइन कौन थे?

                रिकॉर्ड्स में से ये पाया गया है की तीसरी शताब्दी में कई saint priest का नाम वैलेंटाइन हुआ करता था क्यू की उन दिनों ये नाम बहुत लोकप्रिय था जो लोगो को बहुत पसंद आता था। अगर रिकॉर्ड्स की माने तो ऐसे तीन सेंट्स थे जिनका नाम वैलेंटाइन था और जिन्की हत्या 14 फरवरी को ही हुई थी।

                उनमे से पहले saint जो थे वो रोम के मंदिर के एक पुजारी थे। वही दूसरे saint इटली (italy) के बिशप और तीसरे saint के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। वैलेंटाइन डे से जुडी सेंट वैलेंटाइन की दो कहानी ज्यादा प्रचलित है। जिनमे से एक ये है की जब एक बार सेंट वैलेंटाइन एस्टेरियस के अरेस्ट हाउस में थे तब जज एस्टेरियस ने सेंट वेलेंटाइन को टेस्ट करने के लिए उनसे ये कहा कि अगर वो उनकी बेटी की आंखों की रोशनी वापस ले आएंगे तो वो कुछ भी करने के लिए तैय्यार है।

                आप को बता दे की ऐसा कहा जाता है की सेंट वैलेंटाइन के पास एक सुपर पावर थी जिससे वो जज की अंधी बेटी की आंखों की रोशनी वापस ला सकते थे और इस बात का मालूम जज एस्टेरियस को भी था। संत वैलेंटाइन एक अच्छे इंसान थे इसलिए उन्होंने एस्टेरियस की बेटी के आंखों पर अपना हाथ फेरा जिससे उसकी बेटी की आंखों की रोशनी आ गई। लेकिन इसके बदले संत वैलेंटाइन ने एस्टेरियस के सामने दो शर्ते भी रखी । उस वक्त ईसाई धर्म रोम में प्रमुख नहीं था क्यू की मात्र दो सौ या ढाई सौ साल पहले ही वो अस्तित्व में आया था। अब चुकी सेंट वैलेंटाइन ईसाई धर्म के थे और उनके धर्म में मूर्तियां वर्जित थी।

                तो इसे ध्यान में रखते हुए उन दो शर्तों में से सेंट वैलेंटाइन ने पहली शर्त ये रखी थी की जज एस्टेरियस अपने घर से सारी मुर्तियां हटा कर ईसाई धर्म को अपना ले। और अगर दूसरी शर्त की बात करे तो उन दिनों क्रिस्चियनों को persecute भी किया जाता था क्यू की वो माइनॉरिटी में थे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सेंट वैलेंटाइन ने अपनी दूसरी शर्त  में ये कहा की जज एस्टेरियस के  Under जितने भी क्रिस्चियन persecute होने वाले है उन्हे छोड़ दिया जाए।

                अब ये बात रोम के राजा क्लॉडियस सेकेंड के कानो में पाहुच गई जिसके बाद क्लॉडियस ने उन्हे अपने पास बुलाया। जब सेंट वैलेंटाइन वहा पाहुचे और उनसे बात चीत की तो क्लॉडियस को सेंट बहुत पसंद आये लेकिन बात वहा बिगड़ गयी जब सेंट वेलेंटाइन ने क्लॉडियस के सामने ईसाई धर्म को अपनाने की बात रखी । ये सुन्ते ही क्लॉडियस बौखला गया और संत वेलेंटाइन को साजा ए मौत दे दी।

                ये तो पहली कहानी थी। दुसरी कहानी ये है की रोम के राजा क्लॉडियस सेकेंड को एक मजबूत सेना की जरूरत थी। और क्लॉडियस का मन्ना था की एक आदमी अपने बीवी और बच्चों के अटैचमेंट में आ कर कमज़ोर पढ़ जाता है जिससे हमारी सेना पर असर पढ़ सकता है और उस वक़्त औरतो को ले कर भी बहुत गलत मनोदशा होती थी इसलिए क्लाडियस का भी मानना था कि औरतें सिर्फ रखैल बनने के लिए ही सही होती है और उनका काम सिर्फ मर्दो को संतुष्टि देना ही होता है।

                यही वजह थी की क्लॉडियस ने रोम में शादी करने पर और प्यार करने पर भी  रोक लगाने का एलान कर दिया और ये भी कहा कि जो भी उनका कहा नहीं मानेगा उसे साजा ए मौत होगी। रोम की सारी आवाम बहुत ही दुखी थी। उन्हे पता था की क्लॉडियस सही नहीं कर रहा लेकिन इसके बावजूद उनके अंदर क्लॉडियस के खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं थी। उस वक़्त लगभग सभी लोग औरतो को मात्र रखैल भर का ही दरजा देते थे और हर दिन अलग अलग औरते के साथ रहा करते थे।

                पांचवी शताब्दी के शुरुवात मे और चौथी शताब्दी के अंत मे भारत यूरोप के बीच मे व्यापार को ले कर बहुत मज़बूत रिश्ते the. इसी दौरान उन्हें कही से भारतीय शास्त्र मिल गया, संत वैलेंटाइन ने भारतीय साहित्य को पढ़ा और भारतीय साहित्य को पढ़ कर उन्होंने ये समझा की भारत का फॅमिली सिस्टम कुछ इस तरह का है और एक औरत से शादी कर के और उसी के साथ रहने से कितने फायदे है। उससे कॉम्प्लिकेशन्स काम होते है, बीमारिया कम होती है ये सभी बाते उन्होंने भारतीय साहित्य को पढ़ कर जान लिया था. 

                वो घर घर जा कर लोगो को शादी के फायदे बताते थे और उन शादी के लिए प्रेरित भी करते थे। चुकी सेंट वैलेंटाइन पेशे से एक पुजारी थे तो वो मंदिरों में शादिया भी करवा देते थे। भले ही saint वैलेंटाइन ये काम छुप छुप कर ही करते थे लेकिन कहते हैं ना की कोई भी काम ज्यादा दिनो तक छिपा नहीं रह सकता, ये बात भी नहीं छुपी और ये बात क्लॉडियस सेकेंड को पता चल गई। जैसे ही क्लॉडियस को ये बात पता चली उसने सेंट वैलेंटाइन को उनके बनाए गए रूल को तोडने के लिए साजा ए मौत दे दी।

                कई लोगो का मन्ना है की वैलेंटाइन डे सेंट वैलेंटाइन की याद में मनया जाता है लेकिन कई लोगों का मन्ना ये भी है की वैलेंटाइन डे को मनाने के लिए पीछे का कारण एक गैर ईसाई त्योहार (lupercalia)को ईसाई धर्म में बदलने की याद में मनाया जाता है।

                लुपरकेलिया एक रोमन फेस्टिवल था जिसमे कृषि के देवता की पूजा की जाति थी जिसके अंत में पुरुष और महिलाओं की जोड़ी बनाई जाती है जो आगे जा कर शादी में परिवर्तित होती है। लेकिन 496 ई. में गेलैसियस (gelasius)ने lupercalia नामक उत्सव को खत्म करने के लिए इस दिन को सेंट वैलेंटाइन डे के नाम पर रख दिया। लेकिन इसमें रूमानियत और प्यार जैसा कुछ भी नहीं था इसिलिए इसे प्यार के लिए नहीं जाना जाता था।

                बाद में फिर फरवरी महीने को पक्षियों का मिलन महीना कहा जाने लगा और फिर यहीं से वैलेंटाइन डे को प्यार के लिए जाने जाना लगा। आज के टाइम में वैलेंटाइन्स डे पर दो लवर्स एक दूसरे को हाथ से लिखे लेटर, नोट्स, गिफ्ट्स और चॉकलेट्स दे कर लाइफ टाइम एक साथ प्यार से रहने का वादा करते है।

admin

admin