How was India 1000 year ago | भारत 1000 साल पहले कैसा था

How was India 1000 year ago

                  आज के समय में जिंदगी बिताना ज्यादा मुश्किल नहीं है क्यों की आज हमारे पास वो सारे साधन मौजूद है जो हमारे जिंदगी को बेहद आसान बनाते है लाइक अगर हम किसी से बात करना चाहते है तो उसके लिए हमारे पास मोबाइल फ़ोन है, अगर हमें किसी रिश्तेदार के घर जाना हो तो उसके लिए हमारे पास बस, ट्रेन, या एयरोप्लेन है, भूक लगी है तो जोमैटो है, यहा तक अगर हम रात के 12 बजे भी किसी के अकाउंट में पैसे भेजना चाहे तो वो भी घर बैठे ही मुमकिन है। आज ये सारी सुविधा अगर पल भर के लिए भी हमें ना मिले तो हम परेशान हो जाते हैं। लेकिन कभी सोचा है की जब हजारो साल पहले ये सारे साधन मौजूद नहीं थे तब इंसान कैसे रहा करते थे और कैसे अपनी जरूरत पूरी करते थे। तो चलिए ले चलते हैं आप को 1000 साल पहले के भारत में जहां तब का भारत आज के भारत से एक दम अलग हुआ करता था। 

                   तो चलिये अपने सफर को शुरू करते हुए चलते हैं आज से 1000 पहले के भारत में। उस भारत में जब भारत को अखंड भारत कहा जाता था कि क्यु की तब पाकिस्तान, ईरान, म्यांमार, बांग्लादेश, नेपाल, और अफगानिस्तान भी भारत ही हुआ करता था, इन क्षेत्त्रों के राजा तों अलग अलग होते थे लेकिन कहलाते सभी भारतीय ही थे, लेकिन लगातर बाहरी आक्रमण और अंगरेजो की दादागिरी से भारत के एहम हिस्से उनसे अलग हो गए जो अब दुनिया में अपनी एक अलग पहचान के साथ मौजूद हैं। आज से हजार साल पहले भारत में पल्लव, चालुक्य, पांड्या, चोला और राष्ट्रकूटा डायनास्टिज का राज हुआ करता था।

Transport

                    उस वक्त का भारत बहुत ही विशाल हुआ करता था, क्यू की ना सिरफ उस वक्त भारत में कई और देश भी शामिल थे बल्की उस वक्त साधन के नाम पे ,बैल, घोड़ा या नाव मात्र ही थे जिससे हम कुछ दुरी का रास्ता तय कर पाते थे। आज के वक्त तो हम बड़ी ही आसानी से मिलो की दूरी कुछ घंटों में ही तय कर लेते हैं क्यों की आज हमारे पास कार, बस, ट्रेन और एयरोप्लेन जैसे ट्रांसपोर्टस मौजूद है। लेकिन उस वक्त ऐसा नहीं था।

Industrialization

                   दोस्त आज के वक्त भले ही भारत इकोनमी और एक्सपोर्ट के मामले में चीन से पीछे हो लेकिन आज से 1000 साल पहले कहानी एक दम अलग थी, तब भारत चीन से बहुत आगे हुआ करता था, और उस वक्त भारत पूरे दुनिया का 30% फ़ूड, गुड्स और सर्विसेज प्रोड्यूस करता था जब की चाइना 25% और यूरोप मात्र 11% और बाकी का बच्चा हुआ दूसरे देश किया करते थे। इसके अलावा उस वक्त भारत मसाला का प्रोडक्शन भी बड़े पैमाने पर करता था, और उसे बाहर के देश में एक्सपोर्ट करता था। भारत में मसाला का प्रयोग बहुत पहले से होते आ रहा है इसिलिए अगर हम भारत को मसाला का जनक कहे तो इसमे कुछ गलत बिलकुल भी नहीं होगा। लेकिन उस वक्त के भारत में आज की तरह हाईटेक मैन्युफैक्चरिंग मशीन नहीं हुआ करती थी लेकिन चाइना में उस वक्त बड़े भट्ठे हुआ करते थे जो हजारो की तादाद में बर्तन वगैरह बना दिया करते थे।

City and village

                      1000 साल पहले भी मार्केट्स और मंडी हुआ करते थे, मार्केट्स की अलग अलग दूकानो से हमें खाने पीने की चीज, पहनने के लिए कपड़े, इत्र, सोना और चांदी वागैरह मिल जाया करते थे। उस वक्त अधिकतर लोग खेती पर ही निर्भर थे और उस से अपना पालन पोषण किया करते थे। आदमी खेतो में काम किया करते थे और औरते घर में ही रहा करती थी। उस वक्त सब लोग बरसात के पानी पर निर्भर थे और आस पास के इलाके में बड़े बड़े गड्ढे खोद लिया करते थे जिससे बरसात हो तो पानी उसमे स्टोर किया जा सके। उस वक्त पूरे गांव में एक मंदिर तो होता ही था जिसकी सभी पूजा किया करते थे।

Housing and construction

                         आज भी हम हजारो साल पहले के बने हुए बड़े बड़े मकबरे और महले देखते हैं, जो अपनी शान-ओ-शौकत के लिए जाने जाते हैं। आज भी वो मकबरे और महल इसी लिए खड़े हैं क्योंकि की वो मिट्टी, चुने, हाथ से बने हुए ईटे और लकड़ी से बनाये गए थे जिन्की आयू हजारो साल तक की होती है। वही आज के मोरंग और सीमेंट से बने घरो की आयु मात्र 30 से 40 साल तक की ही होती है जिसमे 10 साल बाद ही दरारे आना शुरू हो जाती है।

Trade

                            दोस्त जिस तरह आज हम दस, बीस, पाच सौ या हजार की नोट्स दे कर समान ले लेते है, आज से हजार साल पहले ऐसा नहीं हुआ करता था, तब आज के तरह नोट्स नहीं बल्की मुद्राओ का चलन हुआ करता था। उस वक्त बार्टर सिस्टम का भी खूब चलन था जिसमे लोग एक समान के बदले दुसरा समान लिया करते थे। जैसे कपड़े के बदले गेहु दे देना या फिर सब्जी के बदले धान।

Profession

                             जैसे आज हमे सब यही सलाह देते हैं कि हमे जिस चीज में इंटरेस्ट हैं या जो हमें बहुत अच्छा आता है हमें उस ही फील्ड के प्रोफेशन को चुनना चाहिए, आज से हजार साल पहले ऐसा नहीं हुआ करता था। उस वक्त प्रोफेशन पीढी दर पीढी चला करता था। यानी जो काम हमारे दादा करते थे वही काम हमारे पिता करेंगे उसके बाद वही हमे भी करना होता था। जैसे अगर कोई कारीगर है तो उसके आने वाली पीढी भी कारीगरी के प्रोफेशन में ही आगे बढ़ेगी।

Judiciary

                       बात करे अगर जुडीशियरी की तो जैसे आज के वक्त कोर्ट होते हैं, उस वक्त कोर्ट जैसी कोई भी चीज नहीं होती थी। उस वक्त राजाओ का शासन हुआ करता था लेकिन राजा भी हर व्यक्ति की स्थिति तो नहीं सुन सकते इसिलिए उस वक्त हर गांव के अपने पंच हुआ करते थे, ऐसे पांच लोग जो गांव में काफी प्रतिष्ठीत होते थे, वही लोग गाओं के लोगो की समस्या सुन कर उन्को हल बताय करते थे।

Marriage and relationship

                         अगर बात करे शादी की तो आज कल के जमाने में लोग कई तरह से शादी कर लेते हैं जैसे कोर्ट मैरिज, या फिर घर के अंदर सिरफ कुछ लोगो की मौजदगी में ही शादी कर लेना लेकिन पहले यानि हज़ार साल पहले ऐसा नहीं होता था। पहले शादी बहुत ही धूम धाम से पूरे गांव के समक्ष हुआ करती थी। और उस वक्त लोगो की शादिया दूसरे गांव और गुसरे गोत्र में होती थी जिसमे लगभग 8 से 10 दिन का वक्त लगता और खरचा भी अच्छा खासा लगता था। आज से हजार साल पहले शादी संस्कार सबसे खार्चिला संस्कार हुआ करता था।

Education

                       अब बात कर लेते हैं उस वक्त के एजुकेशन सिस्टम की तो बता दे की उस वक्त आज के तरह बड़े बड़े हाई फाई स्कूल नहीं हुआ करते हैं बल्की उस वक्त गुरुकुल चला करते थे जिसमे गुरु सभी को स्पिरिचुअलिटी सिखाया करते हैं। भारत के अलावा कुछ विदेशी बच्चे भी भारत के गुरुकुल में शिक्षा लेने आते थे जिसमे वो वेद पढ़ा करते थे। इसके अलावा उस वक्त पढाई खुले मैदान में ही होती थी।

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